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हिंसक घटना के बाद पुलिस छावनी बना गोरखपुर विश्वविद्यालय, बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर लगी रोक

गोरखपुर विश्वविद्यालय में एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को परिसर में बवाल किए जाने के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर रहा। पूरा विश्वविद्यालय परिसर पुलिस छावनी में तब्दिल हो गया। कुलपति कार्यालय व गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। उधर संकायाध्यक्षों ने प्रस्ताव पारित किया। घटना को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 23 Jul 2023 08:12 AM (IST)
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गोवि मुख्य द्वार पर भारी संख्या में तैनात रहा पुलिस बल। -जागरण
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में बवाल के दूसरे दिन पुलिस छावनी जैसा नजर आया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में जमकर उपद्रव किया था। कुलपति प्रो. राजेश सिंह, कुलसचिव प्रो. अजय सिंह और पुलिसकर्मियों से मारपीट करने के साथ ही कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर तोड़फोड़ की थी। शनिवार को परिसर में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक रही। नियंता दल के सदस्य मुख्य द्वार पर खड़े होकर वाहनों की जांच करते नजर आएं।

उधर, कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में संकायाध्यक्षों की बैठक में घटना के बाद के हालात पर विमर्श किया गया। राज्यपाल, प्रदेश सरकार से इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। कुलपति ने सभी संकायाध्यक्षों से नए सत्र में संकाय स्तर पर विद्यार्थियों के साथ संवाद करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें सभी विभागाध्यक्ष भी शामिल होंगे। विद्यार्थियों से संवाद में विश्वविद्यालय के ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने पर चर्चा की जाएगी।

इसके साथ ही विद्यार्थियों के विचारों को भी सुना जाएगा। उनको बताया जाएगा कि कुछ लोग विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल को खराब करना चाह रहे हैं। यदि अनुशासन अगर समाप्त हो गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि सभी विभागध्यक्ष, संकायाध्यक्ष एवं सभी अधिकारी छात्रों की समस्याओं का समाधान करें। जरूरत पड़े तो कुलपति भी विद्यार्थियों की समस्या को सुनेंगे। संकायाध्यक्षों ने परिसर में पठन-पाठन और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए सभी से अपील की। बैठक में प्रो.कीर्ति पांडेय, प्रो.शोभा गौड़, प्रो.नंदिता सिंह, प्रो.अहमद नसीम, प्रो.ऊषा सिंह, प्रो.दिनेश यादव, प्रो.श्रीवर्धन पाठक, प्रो.रवि शंकर सिंह व राजर्षि गौड़ मौजूद रहे।

कुलपति के समर्थन में शिक्षकों ने दिखाई एकजुटता

गोवि के शिक्षकों ने सुबह करीब साढ़े 11 बजे नियंता कार्यालय के सामने एकत्रित होकर घटना के विरोध में मौन प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कुलपति के समर्थन में अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। इसमें 40 से अधिक शिक्षक शामिल रहे।

प्रो. संजय बैजल ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय है। इस घटना से शिक्षक समुदाय आहत है। प्रो.उमेश नाथ त्रिपाठी ने कहा कि हम सभी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। इसमें प्रो. विनय सिंह, प्रो. नंदिता सिंह, प्रो. शरद मिश्र, प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी, प्रो. जितेंद्र मिश्र, प्रो. सुनीता मुर्मू, प्रो.शिखा सिंह, डा.अमित उपाध्याय, डा. आमोद कुमार राय, डा. शिवपूजन, डा. मनीष राय आदि मौजूद रहे।

कर्मचारियों ने पारित किया निंदा प्रस्ताव

विश्वविद्यालय कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन ने बैठक कर प्रशासनिक भवन में तोड़फोड़ और कुलपति व कुलसचिव पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। कर्मचारियों ने कहा कि इस घटना से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। इस दौरान आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और परिसर में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई। अध्यक्षता महेंद्र नाथ सिंह ने की। बैठक में डा.बीएन सिंह, निर्भय नारायण सिंह, सुरेंद्र यादव, हरेंद्र सिंह, शोभित पांडेय, अनुपमा गुप्ता, संतोष सिंह, सतीश द्विवेदी, अलख सिंह, रवि वर्मा, रवि त्रिपाठी, काशीनाथ श्रीवास्तव, भूपेंद्र सिंह, संजय यादव, संतोष पांडेय, मदन मोहन, रमेंद्र प्रताप सिंह, आनंद चैधरी, कौशलेंद्र गुप्ता, कृष्णमूरत शुक्ल, डा.जेपी गौतम आदि मौजूद रहे।

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