Hotel Management Course से गोरखपुर विश्वविद्यालय का राजस्व बढ़ाने की कवायद शुरू, विद्यार्थियों को मिलेगी ये सुविधा
DDU Gorakhpur News गोरखपुर विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति काफी समय से बिगड़ी हुई है। इसमें सुधार करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन हर कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय इस साल होटल मैनेजमेंट कोर्स से राजस्व बढ़ाने की कवायद शुरू कर दिया है।
By Pragati ChandEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2022 06:30 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। DDU Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अपनी बिगड़ी आर्थिक दशा सुधारने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है। इसी क्रम में उसने बीते सत्र से शुरू किए गए बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट (Bachelor of Hotel Management) और कैटरिंग टेक्नोलॉजी कोर्स (Catering Technology Course) के जरिये विश्वविद्यालय का राजस्व बढ़ाने की कवायद शुरू की है। बीते वर्ष तो इस कोर्स के लिए विश्वविद्यालय को सीट के सापेक्ष पर्याप्त विद्यार्थी नहीं मिल सके थे लेकिन इस सत्र के लिए आए आवेदन से विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद है कि कोर्स से आमदनी की उम्मीद पूरी होगी।
इस कोर्स के लिए निर्धारित हैं 60 सीटेंविश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस कोर्स के लिए 60 सीटें निर्धारित हैं। ऐसे में एक बैच से विश्वविद्यालय को 21 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा। नए बैच के शुरू हो जाने से विश्वविद्यालय की आय बढ़कर 43 लाख से ज्यादा हो जाएगी। और जब सभी चार वर्ष की कक्षाएं चलने लगेंगी तो यह आय 86 लाख से अधिक हो जाएगी। विश्वविद्यालय ने इस कोर्स को उच्च गुणवत्ता के साथ संचालित करने के लिए अपने अतिथि गृह का कायाकल्प कराया है। प्रयोगशाला तैयार की जा रही है, जिससे विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल करने के लिए होटलों में जाने की जरूरत न पड़े। केवल विशेष ट्रेनिंग के लिए उन्हें होटल में भेजा जाए।
अतिथि गृह को थ्री-स्टार होटल की तरह बनाने की योजनाविश्वविद्यालय की योजना अपने अतिथि गृह (Guest House) को थ्री-स्टार होटल (Three Star Hotel) की तरह बनाने की है। इसके लिए वित्त समिति से 45 लाख रुपये की धनराशि अनुमोदित कराई गई है। अतिथि गृह की व्यवस्था सुधारने के बाद विश्वविद्यालय की योजना इसके जरिये भी अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने की है।
हाउस कीपिंग एजेंसी को दी गई है कोर्स के संचालन की जिम्मेदारी
विश्वविद्यालय ने होटल मैनेजमेंट कोर्स का संचालन सुचारु रूप से करने के लिए एक हाउसकीपिंग एजेंसी से करार किया है, जो विद्यार्थियों के लिए होटल प्रबंधन का प्रशिक्षण सुनिश्चित कर रही है। साथ ही गेस्ट हाउस के संचालन की जिम्मेदारी भी संभाल रही है। फिलहाल तो हाउसकीपिंग एजेंसी (Housekeeping Agency) से करार घाटे का सौदा है लेकिन विश्वविद्यालय का मानना है कि आने वाले समय में जब कोर्स के सभी सत्रों का संचालन होगा तो यह सौदा फायदे में बदल जाएगा।
आर्थिक तंगी की वजह से तोड़नी पड़ी थी एफडीविश्वविद्यालय प्रशासन इन दिनों काफी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। बीते वर्ष तो इसके पास शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन देने तक का पैसा नहीं बचा था, नतीजतन करीब 53 करोड़ की एफडी तोड़नी पड़ गई थी। इस धनराशि को विश्वविद्यालय ने लंबी बचत के बाद इकट़्ठा किया था। विश्वविद्यालय के इस निर्णय पर इसकी खूब थू-थू हुई थी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।