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Gorakhpur News: गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. जोन्नादा ने किया जमकर हंगामा, कुलपति पद के साक्षात्कार के लिए मांग रहे थे NOC

गोरखपुर विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के आचार्य प्रो. जोन्नादा राव ने कुलपति पद के साक्षात्कार के लिए क्लीन चिट वाली एनओसी की मांग को लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय में जमकर हंगामा किया। देर रात सवा 11 बजे तक वह धरने पर रहे। इस दौरान उनकी सीओ कैंट से भी नोंकझोंक हुई। मौके पर पहुंचे रजिस्ट्रार प्रो. शांतनु रस्तोगी के निर्देश पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जबरन कार्यालय से निकाला।

By Rakesh Rai Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 26 Sep 2024 11:29 AM (IST)
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रजिस्ट्रार प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी के कार्यालय से देर रात प्रो.जोन्नादा राव को बाहर निकालते सुरक्षाकर्मी l जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कुछ दिन पहले बायोटेक्नालाजी विभाग पर पूरे दिन कब्जा करने के बाद निलंबित होने वाले दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालाजी विभाग के आचार्य प्रो. जोन्नादा राव ने बुधवार को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आफिस में जमकर हंगामा किया।

कुलपति पद के साक्षात्कार के लिए क्लीन चिट वाली एनओसी (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) की मांग को लेकर वह देर रात सवा 11 बजे तक रजिस्ट्रार आफिस में धरने पर रहे। इस दौरान उनकी सीओ कैंट से नोंकझोक भी हुई। मौके पर पहुंचे रजिस्ट्रार प्रो. शांतनु रस्तोगी के निर्देश पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जबरन कार्यालय से निकाला।

प्रो. जोन्नादा साक्षात्कार देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से बीते कई दिनों से एनओसी की मांग कर रहे थे। उनकी मांग पर बुधवार को जब कुलपति प्रो. पूनम टंडन के निर्देश पर कुलसचिव ने शाम सात बजे एनओसी के साथ एक ऐसा पत्र दिया, जिसमें उनके ऊपर विश्वविद्यालय की ओर से कार्रवाई का जिक्र था, तो वह भड़क उठे और रजिस्ट्रार व विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे।

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रजिस्ट्रार ने जब उनसे अगले दिन कुलपति से मिलकर अपनी बात रखने की सलाह दी तो उन्होंने सलाह मानने की जगह कार्यालय मेंं धरने का निर्णय ले लिया। इस बीच रजिस्ट्रार कार्यालय से उठकर चले गए लेकिन प्रो. जोन्नादा जमे रहे।

विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों और विश्वविद्यालय चौकी पुलिस ने उनसे घर जाने आग्रह किया तो उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। जब समय बढ़ने लगा तो रात साढ़े 10 बजे विश्वविद्यालय की सूचना पर सीओ योगेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद रजिस्ट्रार खुद भी पहुंच गए।

रजिस्ट्रार ने उनके द्वारा हंगामा करने की सूचना फैक्स के जरिये कुलाधिपति को दी और उन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यालय छोड़ने के लिए कहा। इस दौरान जब सीओ ने प्रोफेसर को समझाने की कोशिश की तो वह उनसे भी उलझ गए।

मामला शांत होता न देख रजिस्ट्रार ने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया कि वह जबरन उन्हें कार्यालय से बाहर ले जाएं। रजिस्ट्रार के निर्देश पर सुरक्षाकर्मी सक्रिय हुए और रात सवा 11 बजे प्रो. जोन्नादा को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकाल जा सका।

वेतन कटने को लेकर हंगामा करने पर हुए थे निलंबित

अगस्त में चार दिन का वेतन कटने से नाराज होकर प्रो. जोन्नादा राव ने दो सितंबर को बायोटेक्नोलाजी विभाग पर पहुंच कर हंगामा किया था। पठन-पाठन बाधित करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनको निलंबित कर दिया। हालांकि उनके अनुनय-विनय पर दो दिन में ही उनकी मांगों को पूरा करते हुए निलंबन को वापस ले लिया गया।

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प्रोफेसर की मांग के अनुसार उनको दूसरा आवास भी आवंटन कर दिया गया है। हालांकि जर्जर आवास से वह संतुष्ट नहीं हैं। इससे पूर्व प्रोफेसर वर्ष 2007 से 2010 तक विश्वविद्यालय से बिना बताए गायब हो गए थे। बाद में कोर्ट के आदेश पर उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया था।

दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा कि प्राे. जोन्नादा को एनओसी देने के साथ विश्वविद्यालय ने उनपर पूर्व में हुई कार्रवाई का जिक्र वाला पत्र भी दिया है। इससे नाराज होकर वह आफिस में धरने पर बैठ गए। वह बिना क्लीन चिट वाली एनओसी की मांग कर रहे थे। देर रात उन्हें काफी प्रयास के बाद आफिस से बाहर किया जा सका। उनपर कार्रवाई को लेकर कोई निर्णय गुरुवार को कुलपति लेंगी।

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