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Gorakhpur weather Today: औसत से ठंडा रहा मार्च, अप्रैल में सताएगी गर्मी; 10 दिन रहेगा हॉट डे

UP Weather update मौसम विज्ञानी ने अप्रैल में भीषण गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान जताया है। उनके अनुसार महीने के 10 दिन हॉट डे के मानक खरे उतरने वाले हैं। मौसम विभाग के अनुसार हाट डे उस दिन को कहा जाता है जिस दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है। यहां दिनभर धूल के साथ पछुआ हवा के बीच तेज धूप ने लोगों को परेशान किया।

By Rakesh Rai Edited By: Vivek Shukla Updated: Tue, 02 Apr 2024 08:17 AM (IST)
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Gorakhpur weather गोरखपुर में धूप भरी हवा के साथ तेज धूप ने परेशान किया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Gorakhpur weather forecast अंतिम दो दिन को छोड़ दिया जाए तो आमतौर पर मार्च में पड़ने वाली गर्मी ने कम से कम गोरखपुर के लोगाें को परेशान नहीं किया। महीने में दो बार हुई वर्षा ने वातावरण की नमी को बढ़ाए रखा और तापमान को औसत के मुकाबले घटाए रखा। ऊपरी वायुमंडल में निरंतर चलने वाली नम पुरुआ हवा भी वातावरण की नमी को बनाए रखने का कारण बनी। मार्च महीने को लेकर मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय का गणितीय अध्ययन इसकी पुष्टि है।

इसके साथ ही मौसम विज्ञानी ने अप्रैल में भीषण गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान जताया है। उनके अनुसार महीने के 10 दिन हॉट डे के मानक खरे उतरने वाले हैं। मौसम विभाग के अनुसार हाट डे उस दिन को कहा जाता है, जिस दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है। सोमवार को दिनभर धूल के साथ चली पछुआ हवा के बीच निकली तेज धूप से मौसम विज्ञानी के पूर्वानुमान पर मुहर लगती दिखने लगी।

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मौसम विज्ञानी के अनुसार मार्च के औसत से ठंडा रहने की स्थिति चार वर्ष के बाद आई है। इससे पहले 2020 में अधिकतम तापमान औसत से कम रिकार्ड हुआ था। उस वर्ष भी इसकी वजह वर्षा व नमी ही थी। मौसम विज्ञानी ने बताया कि बीते 30 वर्ष के आंकड़ों के अनुसार मार्च का औसत अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस है जबकि इस वर्ष मार्च में यह 30.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।

इसके चलते दिन में उतनी गर्मी नहीं पड़ी, जितनी की मार्च में उम्मीद की जा सकती है। इसके उलट न्यूनतम तापमान औसत से अधिक रिकार्ड हुआ, इसलिए रात अपेक्षाकृत गर्म रहीं। मौसम विज्ञानी इसकी वजह इस वर्ष मार्च में औसत से चार गुणा हुई वर्षा बता रहे हैं।

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मार्च में औसत वर्षा का आंकड़ा 7.9 मिलीमीटर है जबकि इस वर्ष मार्च में 31.9 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई। इसके चलते पूरे महीने नमी का न्यूनतम आंकड़ा भी 50 प्रतिशत से नीचे नहीं गिरने पाया। दिनवार गणना करें तो मार्च के 22 दिन ऐसे रहे, जब अधिकतम तापमान औसत से कम रिकार्ड हुआ। केवल नौ दिन ही आंकड़ा औसत के पार जा पाया।

क्या कहते हैं 2020 के मार्च के आंकड़े

कैलाश पांडेय ने बताया कि 2020 के मार्च में 52 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई थी, जो औसत से करीब 50 प्रतिशत अधिक थी। इसके चलते अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ था, जो औसत से 2.9 डिग्री सेल्सियस कम था।

हालांकि न्यूनतम तापमान उस वर्ष भी औसत से अधिक ही था। उसके बाद 2021 व 2022 में वर्षा ही नहीं हुई, ऐसे में मार्च औसत से गर्म रहा। 2023 के मार्च में वर्षा औसत से दो गुणा हुई पर वह अधिकतम तापमान को औसत से कम करने के लिए नाकाफी साबित हुई।

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