सर्दी आते ही गोरखपुर चिड़ियाघर में जानवरों के लिए होगा खास इंतजाम, भालू को शहद, बंदर व हिरन को मिलेगा गुड़
Gorakhpur Zoo सर्दी में गोरखपुर चिड़ियाघर के बाड़े में रहने वाले पशु-पक्षियों का भोजन बदल जाएगा। कुछ का भोजन बढ़ा दिया जाएगा तो कुछ का घटा दिया जाएगा। जैसे भालू को सब्जी व फल के साथ प्रत्येक दिन 50 से 100 ग्राम तक शहद दिया जाएगा। वहीं बाघ व चीता को 12 किग्रा. से बढ़ाकर प्रतिदिन 14 किग्रा. भोजन दिया जाएगा।
जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। ठंड शुरू होते ही चिड़ियाघर में रहने वाले पशु-पक्षियों का भोजन बदल जाएगा। भालू को उनका मनपसंद आहार शहद तो बंदर व हिरन को भोजन के साथ गुड़ भी दिया जाएगा। इनके अलावा मांसाहारी पशुओं के भोजन की मात्रा बढ़ा दी जाएगी। वहीं सांप, मगरमच्छ व घड़ियाल के भोजन में कटौती की जाएगी। कमी व वृद्धि का यह क्रम 25 अक्टूबर से एक नवंबर के बीच में शुरू हो जाएगा।
चिड़ियाघर में हैं 275 से अधिक पशु-पक्षी
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में छोटे-बड़े कुल 275 से अधिक पशु-पक्षी हैं। गर्मी व बरसात के सीजन में निर्धारित भोजन के साथ वह संक्रमण की चपेट में न आएं, इसलिए सप्लीमेंट दिया जाता है। ठंड का मौसम शुरू होते ही चिड़ियाघर प्रशासन कुछ पशु-पक्षियों का भोजन बढ़ा देता है तो कुछ का घटा देता है। मांस का सेवन करने वाले पशुओं के भोजन की मात्रा बढ़ती है। जैसे बाघ व चीता को 12 किग्रा. से बढ़ाकर प्रतिदिन 14 किग्रा. भोजन दिया जाएगा।
पक्षियों को कम दिया जाएगा दाना ज्यादा व पानी
तेंदुआ व लकड़बग्घा का भोजन चार किग्रा. से बढ़ाकर पांच से छह किग्रा. कर दिया जाएगा। वहीं सियार का एक से बढ़ाकर डेढ़ किग्रा. और लोमड़ी का आधा किग्रा. से बढ़ाकर एक किग्रा. किया जाएगा। शाकाहारी भोजन करने वाले गैंडे को अन्य दिनों में मिलने वाले भोजन के साथ गन्ना, शकरकंद व बरसीम की मात्रा बढ़ा दी जाएगी। हिरन व बंदर की सभी प्रजातियों समेत अन्य पशुओं को भोजन संग गुड़ भी दिया जाएगा। भालू को सब्जी व फल के साथ हर दिन 50 से 100 ग्राम शहद दिया जाएगा। इनके अलावा पक्षियों को दाना ज्यादा व पानी कम दिया जाएगा। जिससे सर्दी का असर न हो।
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सांप को 25 दिन में एक बार मिलेगा चूहा
चिड़ियाघर के सांप घर में रहने वाले अलग-अलग प्रजातियों के सांप का भोजन पूरी तरह से कम कर दिया जाएगा। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार गर्मी व बरसात में इनके शरीर का तापमान सही रहता है और यह चलते-फिरते हैं, इसलिए सांप को सप्ताह में एक बार चूहा और अजगर को खरगोश दिया जाता है। ठंड के समय इनके शरीर का तापमान कम हो जाता है, यह कम चलते-फिरते हैं इसलिए इन्हें 25 दिन में एक बार ही भोजन दिया जाएगा।
मगरमच्छ व घड़ियाल को 20 दिन पर मिलेगी मछली
सांप की तरह ही मगरमच्छ व घड़ियाल भी ठंड में कम चलते-फिरते हैं। इनके शरीर का तापमान कम हो जाता है, इसलिए सप्ताह में दो बार मिलने वाली जीवित मछलियां ठंड के समय 20 दिन में एक बार दी जाती हैं।
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क्या कहते हैं चिकित्साधिकारी
चिड़ियाघर में रहने वाले पशु-पक्षियों का भोजन मौसम के अनुसार निर्धारित है। गर्मी व बरसात के बाद ठंड के मौसम में सभी के भोजन में बदलाव आता है। शेर, चीता, तेंदुआ, सियार, लोमड़ी व लकड़बग्घा का भोजन एक से दो किग्रा. बढ़ जाता है। सांप, मगरमच्छ व घड़ियाल के शरीर का तापमान कम होने से इनके भोजन की मात्रा कम कर दी जाती है। इनके अलावा शाकाहारी पशुओं को भोजन के साथ गुड़ दिया जाता है। -योगेश प्रताप सिंह, चिकित्साधिकारी, चिड़ियाघर पशु अस्पताल