UP News: गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंचा पीलीभीत में पकड़ा गया बाघ, कई लोगों को बना चुका है निवाला
Gorakhpur Zoo गोरखपुर चिड़ियाघर में पीलीभीत टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू किया गया बाघ शुक्रवार की सुबह पहुंचा। उसे पशु अस्पताल के रेस्क्यू सेल में रखा गया है। चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि बाघ स्वस्थ है और वयस्क है। 23 सितंबर को उसे ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा गया था। शनिवार को आने के बाद जांच कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पीपीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से बेहोश कर पकड़ा गया बाघ शुक्रवार की सुबह गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंचा। यहां पर उसे पशु अस्पताल के रेस्क्यू सेल में रखा गया है। चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि बाघ स्वस्थ है और वयस्क है। माला रेंज की भेरो बीट से 23 सितंबर को ट्रैंकुलाइज कर उसे पकड़ा गया।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से सटे कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांवों में आंतक मचाए हुए था। नौ सितंबर को बाघ ने बांसखेड़ा निवासी एक ग्रामीण को भैरों बीट में हमलाकर मार भी डाला था। इसके अलावा बाघ के हमले की दो अन्य घटनाएं जंगल में घटित हुईं।
उनमें भी दोनों ग्रामीणों की मृत्यु हो गई थी। तभी से ग्रामीण इसे पकड़ने की मांग कर रहे थे। शासन स्तर से मिली अनुमति के बाद खूंखार बाघ को पकड़ने की कवायद शुरू की गई। अधिकारियों ने बाघ को 14 दिन तक चले अभियान के बाद 23 सितंबर की सुबह करीब 4:50 बजे माला रेंज की भैरों बीट में ट्रैंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया गया।
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बाघ को पीटीआर मुख्यालय पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया। शासन स्तर से कोई दिशा निर्देश न मिलने के कारण बाघ पिछले चार दिन से पिंजरे में कैद था। अंततः एक्सपर्ट से राय लेने के बाद गुरुवार की देर शाम पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) की ओर से बाघ को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान गोरखपुर भेजने का निर्देश मिला।
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इसके बाद देर रात टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह के नेतृत्व में टीम बाघ को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हुई। चिड़ियाघर के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप ने कहा कि वह बाहर है। पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाया गया बाघ स्वस्थ है। उसकी देखरेख की जा रही है। शनिवार को आने के बाद जांच कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दी जाएगी।
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