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Gorakhpur Zoo: गोरखपुर की तर्ज पर प्रदेश में बनेंगे तीन और चिड़ियाघर, बरेली और मेरठ में तलाशी जा रही संभावना

झांसी के मुख्य संरक्षक वन ने गोरखपुर चिड़ियाघर प्रस्ताव की प्रति मांगी है। झांसी बरेली और मेरठ में चिड़ियाघर बनाए जाने की संभावना तलाशी जा रही है। जमीन भी चिन्हित की जा रही है। जबकि प्रदेश में अभी तीन चिड़ियाघर स्थापित हैं।

By Pragati ChandEdited By: Updated: Thu, 21 Apr 2022 09:50 AM (IST)
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गोरखपुर की तर्ज पर प्रदेश में बनेंगे तीन और चिड़ियाघर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय। गोरखपुर की तर्ज पर प्रदेश में तीन और चिड़ियाघर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। झांसी, मेरठ व बरेली में इसकी संभावना देखी जा रही है। झांसी के मुख्य संरक्षक वन ने झांसी में चिड़ियाघर बनाए जाने को लेकर गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी से पुराने प्रस्ताव व डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की प्रति मांगी है। गोरखपुर वन विभाग इसे ध्यान में रखकर पुराने प्रस्ताव व डीपीआर की फाइल तलाश रहा है।

यूपी में है तीन चिड़ियाघर: प्रदेश में अभी सिर्फ तीन चिड़ियाघर हैं। गोरखपुर के शहीद अशफाकउल्ला खां प्राणि उद्यान की तर्ज पर प्रदेश में तीन और चिड़ियाघर स्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है। झांसी के मुख्य संरक्षक वन पीपी सिंह ने डीएफओ गोरखपुर से चिड़ियाघर के प्रस्ताव व डीपीआर की प्रति मांगी तो वन राज्यमंत्री अरुण कुमार ने बरेली में अधिकारियों के साथ बैठक करके बरेली में चिड़ियाघर स्थापना को लेकर संभावना तलाशने को कहा है।

मेरठ में बड़े पैमाने पर रेस्क्यू किए जाते हैं जानवर: बरेली के फतेहगंज पश्चिमी की बंद पड़ी रबर फैक्ट्री की भूमि को चिड़ियाघर के लिए चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा मेरठ में बड़े पैमाने पर जानवरों को रेस्क्यू किया जाता है। वहां तेंदुओं की संख्या बहुतायत है। पीलीभीत के टाइगर रिजर्व से भी कभी-कभी भटककर मेरठ पहुंच जाते हैं। इसे ध्यान में रखकर मेरठ में भी चिड़ियाघर स्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है।

262 करोड़ की लागत से स्थापित हुआ है गोरखपुर चिड़ियाघर: गोरखपुर चिड़ियाघर 262 करोड़ रुपये की लागत से 121 एकड़ भूमि पर बना है। चिड़ियाघर के 30 प्रतिशत हिस्से पर पहले से पेड़-पौधे लगे हुए थे। चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि जिस भूमि पर चिड़ियाघर का निर्माण करना हो, देखना पड़ेगा कि वहां जल भराव की कोई समस्या तो नहीं है। वहां पहले से पेड़-पौधों की व्यवस्था है अथवा नहीं। इसे देखते हुए चिड़ियाघर के लिए सेंट्रल जू अथारिटी से अनुमति मांगी जा सकती है।

अधिकारी बोले: गोरखपुर डीएफओ विकास यादव ने बताया कि प्रदेश में तीन और चिड़ियाघर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। इन चिड़ियाघरों को गोरखपुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। झांसी से प्रस्ताव व डीपीआर की प्रति मांगी गई है। उसे तलाशकर वहां भेज दिया जाएगा।

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