नगर निगम को सरकारी बकायेदारों का 'ठेंगा Gorakhpur News
सरकारी विभागों से रुपये की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं। वित्तीय वर्ष खत्म होने का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है निगम के अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।
By Satish ShuklaEdited By: Updated: Sat, 14 Mar 2020 07:00 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। गृहकर और जलकर की बकाया वसूली के लिए लगातार दौड़-भाग, चिट्ठी पर चिट्ठी लिखने के बाद भी नगर निगम को सरकारी विभागों से रुपये नहीं मिल रहे हैं। सरकारी विभागों से रुपये की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं। वित्तीय वर्ष खत्म होने का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, निगम के अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।
एकमुश्त जमा करने पर 50 फीसद की छूट नगर निगम प्रशासन बकाया गृह, जल व सीवर कर एकमुश्त जमा करने पर ब्याज में 50 फीसद की छूट दे रहा है। बकाया न जमा करने वाले घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणी के उपभोक्ताओं का नाम सार्वजनिक करने के साथ ही नगर निगम प्रशासन कुर्की का नोटिस भी दे रहा है। इसका असर यह है कि लोग रुपये जमा कर रहे हैं लेकिन सरकारी विभागों रुपये नहीं मिल रहे हैं।
संपर्क करना भी उचित नहीं समझानगर निगम के अफसरों ने सरकारी विभागों में जाकर टैक्स जमा करने के लिए बात भी की लेकिन अब तक सिर्फ गोरखपुर विश्वविद्यालय और इक्का-दुक्का अन्य विभागों के जिम्मेदारों ने ही कर विभाग में संपर्क किया है। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने सिर्फ 20 लाख रुपये जमा किए हैं जबकि उस पर 4.94 करोड़ रुपये बकाया है।
यह हैं सबसे बड़े सरकारी बकायेदारए फ्लैग श्रेणी 12.46 करोड़डीएम कार्यालय 6.94 करोड़बिजली निगम 6.33 करोड़एमपी इंटर कॉलेज 6.31 करोड़गोरखपुर विश्वविद्यालय 4.94 करोड़राजकीय विद्यालय 3.72 करोड़एमएमएमयूटी 3.67 करोड़पीडब्लूडी 3.10 करोड़सेंट एंड्रयूज कॉलेज 2.63 करोड़
जीडीए 2.60 करोड़मंडी समिति 1.56 करोड़डीवीएन डीसी कॉलेज 1.19 करोड़नोट- ए फ्लैग श्रेणी में दूरसंचार, सदर अस्पताल, गन्ना विकास संस्थान, डाकघर, टेलीफोन एक्सचेंज, जीडीए रेलवे स्टेशन, नलकूप कार्यालय, डीआरडीए, एसएसपी कार्यालय शामिल हैं।बकायेदार विभागों के अधिकारी का ऐसा है व्यवहारइस संबंध में अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह का कहना है कि घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणी के बकायेदार तेजी से टैक्स जमा कर रहे हैं। सरकारी विभागों में नगर निगम के अफसर जाकर टैक्स जमा करने की बात कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले सभी विभागों ने टैक्स जमा करने की बात कही है।
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