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चौरीचौरा कांड से जुड़े दस्तावेजों में दर्ज तथ्यों की तलाश करवा रही सरकार

तथ्यों के संकलन के लिए प्रशासन ने चौरीचौरा कांड के बाद चले मुकदमे के दस्तावेज निकलवाए हैं। उनका अध्ययन किया जा रहा है। इस दस्तावेज में मौजूद कई तथ्य किताबों में नहीं मिलते। उन्हें सरकार की ओर से तैयार कराई जा रही किताब में शामिल किया जाएगा।

By Satish chand shuklaEdited By: Updated: Mon, 25 Jan 2021 06:42 PM (IST)
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चौरी चौरा शहीद स्‍थल का ताजा दृश्‍य।
गोरखपुर, जेएनएन। चौरीचौरा कांड के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार न केवल भव्य आयोजन करेगी बल्कि इस बलिदान से जुड़े और अतीत की गर्द में दबे तथ्य भी सामने लाएगी। गौरव के गुम हो चुके इन पन्नों को सरकार खोजकर इतिहास में शामिल करेगी और इसे अन्य दर्ज तथ्यों के साथ पढ़ा जा सकेगा। इतिहास के इन तथ्यों के संकलन के लिए अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इसे किताब की शक्ल दी जाएगी।

एफआइआर व सुनवाई के तथ्य संकलित करने के लिए गठित हुई टीम

तथ्यों के संकलन के लिए प्रशासन ने चौरीचौरा कांड के बाद चले मुकदमे के दस्तावेज निकलवाए हैं। उनका अध्ययन किया जा रहा है। इस दस्तावेज में मौजूद कई तथ्य किताबों में नहीं मिलते। उन्हें सरकार की ओर से तैयार कराई जा रही किताब में शामिल किया जाएगा। करीब 600 पन्नों वाले इस दस्तावेज में चार्जशीट से लेकर मुकदमे के फैसले तक का घटनाक्रम दर्ज है।

स्थानीय इतिहासकारों से भी होगा संपर्क

स्थानीय इतिहासकारों ने भी चौरीचौरा कांड पर शोध किया है। शिक्षकों के साथ शोधार्थियों के शोध पत्रों में किन तथ्यों को प्रमुखता दी गई है, इसका भी अध्ययन हो रहा है। पुस्तक में संदर्भ के साथ सभी तथ्यों का जिक्र होगा।

कई किताबों में गलत दर्ज है चौरीचौरा कांड की तारीख

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए प्रतिष्ठित मानी जाने वाली आधुनिक इतिहास की कई किताबों में चौरीचौरा कांड की तिथि पांच फरवरी 1922 दर्ज है, जबकि घटना चार फरवरी को हुई थी। इसीलिए चार फरवरी से ही शताब्दी महोत्सव की शुरूआत हो रही है। कुल कितने लोगों पर मुकदमा चला था। सजा के बाद क्या हुआ। चौकी फूंकने के पीछे के वास्तविक तथ्य क्या थे, जैसे बिंदु इस किताब का हिस्सा होंगे। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि चौरीचौरा कांड से जुड़े कई तथ्य सामान्यतया किताबों में नहीं मिलते। ऐसे सवालों के जवाब तलाश कर किताब की शक्ल देने की तैयारी है। इस कांड से जुड़े मुकदमे के दस्तावेज निकलवाए गए हैं।  उनका अध्ययन किया जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों की टीम भी गठित की गई है।

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