Gorakhpur: जिन नियमों का हवाला देकर जनता का काटा जा रहा है चालान, सरकारी वाहन उनके बिना सड़क पर भर रहे फर्राटा
गोरखपुर में पुलिस विभाग के वाहन बेड़े 112 के तहत 48 चारपहिया और 31 दोपहिया वाहन चल रहे हैं। पीआरवी में कुछ दोपहिया पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी है लेकिन एक भी चारपहिया वाहन पर यह नहीं लगी है। इसके बावजूद पुलिस की वैन दौड़ रही हैं।
जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर: शहर के चौराहों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के जरिये पुलिस लोगों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए जागरूक करती है। बताती है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी होने पर पांच हजार रुपये का चालान कटेगा। अब यह चिराग तले अंधेरा ही है कि पुलिस की पीआरवी हर चौराहे पर इस व्यवस्था को रौंदते हुए फर्राटा भरती दिखाई देती है। बड़ा सवाल है कि दूसरों का चालान काटने वाली पुलिस के इन वाहनों का चालान कौन काटेगा।
जिले में पुलिस विभाग के वाहन बेड़े 112 के तहत 48 चारपहिया और 31 दोपहिया वाहन चल रहे हैं। पीआरवी में कुछ दोपहिया पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी है, लेकिन एक भी चारपहिया वाहन पर यह नहीं लगी है। इसके बाद भी धड़ल्ले से पुलिस की ये वैन अलग-अलग इलाकों में दौड़ रही हैं। नियमों को रौंद रहे इन वाहनों को पुलिस विभाग के अफसर देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं। इसीलिए आज तक इनमें से एक का भी चालान नहीं काटा गया है।
एसपी क्राइम, पीआरवी प्रभारी इन्दूप्रभा सिंह ने बताया कि पीआरवी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए शासन स्तर पर वार्ता चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही निर्देश मिल जाएगा। ये सभी वाहन मुख्यालय डायल 112 से संचालित होते हैं।
स्वास्थ्य विभाग भी सुस्त
जिला स्वास्थ्य विभाग में 96 एंबुलेंस चल रही हैं। इसमें 50 एंबुलेंस 102 नंबर और 46 एंबुलेंस 108 नंबर की है। इनमें अधिकतर पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं हैं। एंबुलेंस के क्वार्डिनेटर प्रवीन द्विवेदी का कहना है कि सभी एंबुलेंस का सिक्योरिटी नंबर प्लेट आ गया है। जिन एंबुलेंस में यह नहीं लगा, जल्द ही लग जाएगा।
पुलिस की पुरानी गाड़ियां भी तोड़ रही हैं नियम
सिर्फ 112 ही नहीं, बल्कि थाना और चौकी पुलिस की गाड़ियां भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बिना दौड़ रही हैं। ऐसे वाहनों की कुल संख्या तो जिम्मेदार नहीं बता रहे, लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो दो दर्जन से ज्यादा ऐसे वाहन सड़कों पर दौड़ते हुए नियमों का मखौल बना रहे हैं।