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Gorakhpur: परिवार रजिस्टर में हेरफेर कर हड़प रहे संपत्ति, कागज में खुद को जिंदा साबित करने को काट रहे चक्कर

परिवार रजिस्टर में हेरफेर कर संपत्ति हथियाने के दो मामले एक माह में ही भटहट के एक ही गांव में सामने आए हैं। एक व्यक्ति को तीन साल की उम्र में ही मृत दर्ज कर दिया गया । 24 साल तक मृत दर्ज व्यक्ति को कागज में जिंदा दर्ज कराने को उनके पिता कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 29 Sep 2023 09:04 AM (IST)
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परिवार रजिस्टर में हेरफेर कर हड़प रहे संपत्ति। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। भटहट ब्लाक के एक गांव में पति की मौत के बाद दूसरी शादी करने वाली महिला को परिवार रजिस्टर में मृत दर्शा दिया गया। उसके बाद संपत्ति उसके पुत्र के नाम वरासत कर दी गई और कुछ लोगों ने संपत्ति का बैनामा करा लिया। इस खेल में शामिल लोग अब पूरे मामले को मैनेज करने में जुटे हैं। परिवार रजिस्टर में झोल कर संपत्ति का ‘खेल’ करने का यह इकलौता मामला नहीं है। भटहट ब्लाक की ही ग्राम पंचायत टिकरिया में अगस्त की शुरुआत में इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया था। गांव के निवासी 27 वर्षीय जोगिंदर पुत्र पारस को तीन वर्ष की उम्र में ही मृत दर्शा दिया गया। लोगों का कहना है कि गांवों के परिवार रजिस्टर की जांच हो तो कई मामले प्रकाश में आएंगे।

भाई को नि:संतान बताकर हड़प ली जमीन

चिलुआताल थाना क्षेत्र के एक गांव में सगे भाई ने बड़े भाई को नि:संतान बता उसकी जमीन हड़प कर बेच दी। भाई के नाती को जब पता चला तो वे दौड़ रहे हैं। यहां एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद छोटे भाई से प्रताड़ित होकर पत्नी कहीं चली गईं। भाई की बेटी की शादी चाचा ने बहराइच में कर दी। उसके बाद तत्कालीन प्रधान से मिलकर भाई के नि:संतान होने का प्रमाण पत्र ले लिया और उसी के आधार पर संपत्ति हड़पकर बेच भी दी। अब प्रशासन मामले की जांच करा रहा है।

ऐसे किया जाता है खेल

नौकरी या अन्य कारण से वर्षों गांव से बाहर रहने वाले लोगों के साथ ऐसा खेल होता है। आमतौर पर पट्टीदार द्वारा संपत्ति हड़पने के लिए ऐसा किया जाता रहा है। जब लोग अपने घर आते हैं तो उन्हें सच्चाई पता चलती है।

क्या कहते हैं अधिकारी

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि परिवार रजिस्टर में यदि गड़बड़ी की जाएगी तो उसके निरीक्षण से यह पता चल जाएगा। यदि गलती से किसी का नाम मृतक के रूप में दर्ज हो गया है तो उसे सुधारा जाएगा। यदि जानबूझकर गलती की गई है तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी।

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कागज में मृत जोगिंदर को जिंदा करने में नियम बाधक

सिस्टम की लापरवाही से तीन साल की उम्र में कागजों में मृत करार दिए गए जोगिंदर अब 27 साल के हो चुके हैं। 24 साल से उनके पिता उन्हें सिस्टम की नजर में जिंदा करने के लिए दौड़ रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। उनकी पीड़ा दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई तो पांच अगस्त को ग्राम पंचायत की खुली बैठक हुई। प्रधान, सदस्य एवं ग्रामीणों ने जोगिंदर के जिंदा होने की पुष्टि की, लेकिन यह पुष्टि डेढ़ महीने बाद भी कागजों में दर्ज नहीं हो पाई है। जोगिंदर को जिंदा करने की राह में नियमों की बाधा आ रही है।

विकास खंड भटहट की ग्राम पंचायत जंगल टिकरिया के जोगिंदर को सिस्टम ने कागजों में तीन वर्ष की उम्र में ही मृत घोषित कर दिया था। उनके पिता पारस पिछले चार वर्षों से जिले और ब्लाक मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उनके दर्द को दैनिक जागरण ने दो अगस्त के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

खबर प्रकाशित होते ही आनन-फानन जोगिंदर को कागजों में जीवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। पांच अगस्त को ग्राम प्रधान मनीषा सिंह की अध्यक्षता में खुली बैठक हुई। ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्रामीणों ने जोगिंदर के जीवित होने की बात कही। बैठक में परिवार रजिस्टर में मृतक दिखाकर नाम काटने को अवैध व गलत बताया गया। सचिव ने निर्णय की रिपोर्ट एडीओ पंचायत व बीडीओ को सौंपी।

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यह है पेच

सहायक विकास अधिकारी पंचायत सुनील कुमार यादव का कहना है कि सचिव को पंचायती राज अधिनियम की धारा 15 का उपयोग करते हुए जोगिंदर का नाम दर्ज करने के लिए निर्देश दिया गया है, लेकिन उनका कहना है कि धारा 25 के तहत एक रिपोर्ट एडीओ पंचायत को देकर मार्गदर्शन मांगा गया है। सचिव का कहना है कि अधिनियम में स्पष्ट लिखा है कि परिवार रजिस्टर में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए डीपीआरओ/ रजिस्ट्रार का आदेश लेना जरूरी है।

परिवार रजिस्टर खोल सकता है कई और मामले

ग्राम पंचायत टिकरिया का परिवार रजिस्टर जीवित व्यक्तियों को मृत दर्शाने के मामले में एक पहेली बनता जा रहा है। अभी जोगिंदर का मामला पूरी तरह ठंडा भी नहीं हुआ कि एक जीवित महिला को मृत दर्शाकर उसकी संपत्ति का वरासत कराते हुए बेचने का मामला प्रकाश में आ गया। लोगों का कहना है कि जांच हुई तो और भी मामले सामने आ सकते हैं।

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