Move to Jagran APP

गोरखपुर के ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में तीन बच्चों की मौत से नहीं उठ सका पर्दा, जांच अधर में

गोरखपुर के ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में पांच मार्च को तीन नवजातों को वैक्सीन लगाई गई थी। जिसके बाद तीनों की हालत बिगड़ गई थी। मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक-एक कर तीनों ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में अभी तक रहस्य का पर्दा नहीं उठा सका है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Mon, 03 Apr 2023 04:08 PM (IST)Updated: Mon, 03 Apr 2023 04:08 PM (IST)
बच्चों की मौत से नहीं उठ सका पर्दा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ग्रीनलैंड हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, करीम नगर, चरगांवा में नियमित टीका लगने के बाद हुई तीन बच्चों की मौत से 29 दिन बाद भी रहस्य का पर्दा नहीं उठा पाया है। जांच अधर में है। लैब ने नमूनों को अपर्याप्त बताते हुए दोबारा भेजने को कहा है। विभाग का कहना है कि अब नमूने मिलने मुश्किल हैं। ऐसे में जांच की संभावना क्षीण होती नजर आ रही है। अधिकारियों द्वारा हुई चूक से आरोपित हॉस्पिटल बचता नजर आ रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीन व उसके वायल की जांच के लिए नमूने लेने का अधिकार ड्रग विभाग को है। पहले ही कदम पर स्वास्थ्य विभाग ने चूक कर दी। नमूने ड्रग विभाग को लेने चाहिए थे, लेकिन ड्रग विभाग को इसकी सूचना ही नहीं दी गई। ड्रग विभाग का कहना है कि नमूने लेने के बाद लैब को भेजने के लिए चार दिन बाद उसे सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ड्रग विभाग को तत्काल सूचना दे दी गई थी, लेकिन वहां से चार दिन बाद अधिकारी नमूने लेने आए।

नमूनों को ड्रग विभाग ने हिमाचल के जिस वैक्सीन जांच केंद्र को भेजा था, उसने नमूनों को अपर्याप्त बताते हुए दोबारा भेजने को कहा है। दोबारा यदि नमूने नहीं भेजे गए तो जांच नहीं हो पाएगी और यह पता नहीं चल पाएगा कि वैक्सीन में कमी थी या बच्चों की मौत का कारण कर्मचारी की लापरवाही रही। जिन बच्चों को टीका लगाया गया था, उनमें गगहा के सौरभ कुमार राय व राप्तीनगर के विनीत सिंह का पुत्र व धर्मपुर की अमृता याकूब का भतीजा था। नमूने लेने और वैक्सीन व वायल की जांच न हो पाने के बारे में पूछने पर सौरभ कुमार राय व अमृता याकूब ने बाद में बताने को कहा। विनीत सिंह ने कहा कि जांच जरूरी है चाहे जैसे हो।

क्या कहते हैं अधिकारी

  • सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि आनन-फानन अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे। उन्होंने तत्काल नमूना ले लिया ताकि नमूना नष्ट न होने पाए। ड्रग विभाग को सूचना दी गई लेकिन चार दिन बाद लोग आए। दोबारा नमूने के लिए कोई पत्र नहीं आया है।
  • ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि नमूने लेने के चार दिन बाद मुझे बुलाया गया। मैंने नमूना लैब को भेज दिया था। वहां से पत्र आया है कि नमूने अपर्याप्त हैं, इनसे जांच नहीं हो पाएगी। दोबारा भेजें। इस आशय का पत्र स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया है।

यह है मामला

ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में पांच मार्च को तीन नवजातों को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी और ओरल पोलियो वैक्सीन लगाई गई थी। टीका लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में उन्हें भर्ती कराया गया। तीनों बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वजन की तहरीर पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुधीर गुप्ता और उनके सहयोगियों के खिलाफ चिलुआताल थाने में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.