Hanuman Janmotsav 2023: इस शख्स के हुनर से हनुमान जी की हुई मधुबनी चित्रकला, चालीसा पर उकेरी हैं 40 पेंटिंग
Hanuman Janmotsav 2023 गोरखपुर के रवि द्विवेदी के हुनर से मधुबनी चित्रकला हनुमान जी की हुई। हनुमान चालीसा के 40 लाइनों से संबंधित हर प्रसंग पर उन्होंने पेंटिंग उकेरी है। वे अबतक करीब 400 पेंटिंग बना चुके हैं।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Thu, 06 Apr 2023 01:19 PM (IST)
गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। Hanuman Janmotsav 2023: कला के जरिये आस्था की अभिव्यक्ति भक्ति भावना को और समृद्ध कर देती है। मधुबनी चित्रकला के माध्यम से चित्रकार रवि द्विवेदी ने यही किया है। उन्होंने हनुमान चालीसा की 20 चौपाइयों की 40 लाइनों से संबंधित हर प्रसंग पर 40 पेंटिंग उकेरी हैं। इसी कड़ी में उन्होंने हनुमानजी के आराध्य सियाराम और शुभ के देवता भगवान गणेश को भी जोड़ा है। अपने इस उल्लेखनीय प्रयास से वह लोकरीति और संस्कार केंद्रित मधुबनी चित्रकला को आस्था से जोड़कर नया आयाम देने में जुटे हैं।
रामचरित मानस के प्रसंगों व कृष्ण लीला पर भी बना चुके हैं पेंटिंग
रामचरित मानस के प्रसंगों पर 57 और श्रीकृष्ण लीला पर 33 पेंटिंग बना चुके रवि ने आस्था को अपने हुनर में ढालने के क्रम में हनुमान चालीसा को विषय बनाया था। हनुमानजी के अनन्य भक्त रवि बताते हैं कि पेंटिंग बनाने के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ वह स्वयं भी करते रहते थे, साथ ही इसकी धुन भी बजाते थे। बकौल रवि हनुमान चालीसा पर पेंटिंग बनाने में उन्हें करीब डेढ़ वर्ष लगे। 2019 में यह कार्य शुरू किया, जो 2021 की शुरुआत में जाकर पूरा हुआ। सभी पेंटिंग की लंबाई तीन फीट और चौड़ाई ढाई फीट है। रवि इन पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाने की तैयारी में हैं। उनकी योजना गोरखपुर के अलावा अयोध्या व वाराणसी में प्रदर्शनी लगाने की है। इसके लिए वह सभी पेंटिंग्स की फ्रेमिंग करा रहे हैं।
मुजफ्फरपुर में पनपा मधुबनी पेंटिंग का शौक
राजेंद्र नगर मोहल्ले के रहने वाले रवि द्विवेदी चित्रकला के विद्यार्थी तो नहीं रहे, लेकिन इसका शौक उन्हें बचपन से था। शुरुआती दौर में वह स्केच बनाते थे, लेकिन 1986 में जब मुजफ्फरपुर (बिहार) रेलवे की ओर से अयोजित एक चित्रकला प्रदर्शनी में उनकी मुलाकात मधुबनी कला की जानीमानी कलाकार सीता देवी से हुई तो उनका रुझान भी इस विशिष्ट कला की ओर हो गया। लोगों की प्रशंसा मिलती गई और विभिन्न विषयों पर मधुबनी पेंटिंग करते रहे। अब तक वह करीब 400 पेंटिंग बना चुके हैं। पूर्वांचल बैंक से रिटायर रवि बताते हैं कि उनके शौक और पेशे ने कभी एक दूसरे को प्रभावित नहीं किया, बल्कि इससे उनकी लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ।राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक पहुंच चुकी है रवि की पेंटिंग
जब भी किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति ने गोरखपुर में कदम रखा, रवि द्विवेदी की मधुबनी पेंटिंग उन्हें भेंट स्वरूप दी गई। इस सूची में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राज्यपाल बीएलए जोशी व राम नाईक, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हैं। कुछ के कार्यालय में इनकी पेंटिंग आज भी टंगी हुई देखी जा सकती है।
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