Harish-Sanchita Suicide:पूर्व CM अखिलेश यादव के पोस्ट पर पलटवार, डा. राम शरण बोले- बेरोजगार नहीं था दामाद
गोरखपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. रामशरण की बेटी संचिता (28) ने नवंबर 2022 में पटना (बिहार) बाढ़ के रहने वाले हरीश बगेश से लव मैरिज किया था। एमबीए की पढ़ाई करने के बाद हरीश मुंबई में एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करता थे। पत्नी संचिता की तबीयत खराब होने की वजह से नौकरी छोड़कर वापस आ गए। बनारस में हरीश और गोरखपुर में संचिता ने सुसाइड कर लिया।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। वाराणसी के होटल में पति हरीश बगेश के फांसी लगाने और गोरखपुर स्थित घर की छत से कूदकर पत्नी संचिता श्रीवास्तव की खुदकुशी को बेरोजगारी से जोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान का डा.राम शरण ने खंडन किया है।
मीडिया से बातचीत में संचिता के पिता डा.राम शरण ने कहा कि इंटरनेटमीडिया पर चल रही अखिलेश यादव की पोस्ट में दिए गए तथ्य सही नहीं हैं। उनका दामाद हरीश बेरोजगार नहीं था। वह मुंबई के बैंक में एक लाख रुपये से अधिक तनख्वाह पर नौकरी करता था। उनका बेटा यूके में रहता है।
उन्होंने खुद ही संचिता और दामाद हरीश को मुंबई से गोरखपुर बुलाया था। ऐसे में नौकरी छूटने और दोबारा न लग पाने जैसी बातें नहीं होनी चाहिए। गोरखपुर में संचिता और वाराणसी में पति हरीश बगेश के आत्महत्या करने की घटना को विपक्षी दलों ने राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया था।
इसे भी पढ़ें-यूपी के इस जिले में पीएम आवास की किस्त लेकर 11 लाभार्थी हुए फरार, मचा हड़कंप, दर्ज हुआ केसअखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि नौकरी छूटने और दोबारा न लग पाने के दबाव में पति के आत्महत्या करने की खबर सुन पत्नी के आत्महत्या करने की घटना दु:खद है। भाजपा सरकार की नाकामी का इससे बड़ा हलफनामा और क्या है।
नौकरी छूटने और फिर न लग पाने के दबाव में पति की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पत्नी द्वारा भी आत्महत्या करने का दुःखद समाचार मिला।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 7, 2024
भाजपा सरकार की नाकामी का इससे बड़ा कोई और हलफ़नामा चाहिए क्या। भाजपा को सिर्फ़ सत्ता की राजनीति से मतलब है, जनता के दुख-दर्द, बेरोज़गारी या महंगाई से… pic.twitter.com/YIWtIAPdvI
पूर्व सीएम का पोस्ट इंटरनेटमीडिया पर प्रसारित होने लगा तो संचिता के पिता डा.राम शरण ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने साफ कहा कि घटना का बेरोजगारी से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि गोरखपुर के प्रसिद्ध मनोरोग चिकित्सक डा.राम शरण की 28 वर्षीय बेटी संचिता ने नवंबर 2022 में पटना (बिहार) बाढ़ के रहने वाले हरीश बगेश से प्रेम विवाह किया था। एमबीए पास हरीश एचडीएफसी बैंक में नौकरी करते थे। पांच जुलाई की सुबह हरीश पटना जाने की बात कहकर घर से निकले।रात में आठ बजे सारनाथ के होटल में पहुंचे, जहां कमरे में फंदे से लटक कर जान दे दी। रविवार की सुबह वाराणसी पुलिस ने डा.राम शरण को इसकी सूचना दी। संचिता को घटना की जानकारी हुई तो घर की दूसरी मंजिल से नीचे कूद गई। सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई।
इसे भी पढ़ें-गाजीपुर तिहरा हत्याकांड का खुलासा: पहले मां, फिर पिता और अंत में भाई का काटा गला, घर का 'लाडला' इश्क में बना हैवानहरीश को चलाने नहीं आती थी बाइकडा.राम शरण ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरीश दो पहिया वाहन नहीं चला पाते थे। पांच जुलाई को पटना में बहन के घर जाने की बात बताकर निकले तो स्कूटी से संचिता रेलवे स्टेशन ले गई। रात में हरीश ने मैसेज कर संचिता को बताया था कि पटना पहुंच गए हैं। अगले दिन पटना में रहने वाली बहन का फोन आया तो पता चला कि हरीश घर नहीं पहुंचे हैं।
मोबाइल फोन लाक होने से नहीं मिल पायी कोई जानकारीपति के आत्महत्या करने के बाद छत से छलांग लगाकर जान देने वाली संचिता शरण भी नशे की जद में थी। फोरेंसिक टीम को कमरे की छानबीन करने पर गांजा व मोबाइल फोन मिला। चर्चा है कि नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए ही मुंबई से पिता के पास आयी थी।घटना से पहले संचिता की किससे बात हुई,उसने किसी को मैसेज किया था या नहीं यह जानने के लिए पुलिस ने उसके मोबाइल को कब्जे में लिया,लेकिन पैर्टन लाक होने की वजह से कुछ पता नहीं चला।
स्वजन से बातचीत करके पासवर्ड जानने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली,जिसके बाद मोबाइल को लौटा दिया गया।कमरे में मिले गांजा को फोरेंसिक टीम अपने साथ ले गई। छह जुलाई की रात को सारनाथ के गेस्ट हाउस में फंदे से लटककर जान देने वाले संचिता के पति हरीश के कमरे में भी पुलिस को गांजा मिला था।
ब्रह्मभोज के बाद मरीज देखेंगे डा. रामशरण संचिता के पिता डा. रामशरण शहर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं।शनिवार व रविवार को उनका क्लिनिक बंद रहता है।घटना के बाद से मरीज नहीं देख रहे हैं। मंगलवार को क्लिनिक पर बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे लेकिन हादसे की जानकारी देकर कर्मचारियों ने 15 दिन बाद आने की बात कहकर लौटा दिया।
कैंट थाने में दर्ज थी गुमशुदगीपटना जाने की बात कहकर घर से निकले हरीश का मोबाइल फोन बंद होने पर डा. रामशरण ने कैंट छह जुलाई की रात को कैंट थाने में गुमशुदगी दर्ज करायी थी। कैंट थाना पुलिस ने सर्विलांस की मदद से खोजबीन शुरू की तो सारनाथ में होने की सूचना मिली। इसी बीच डा. रामशरण के पास वाराणसी पुलिस का फोन आया और बताया गया कि हरीश ने आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना उन्होंने तुरंत कैंट थाना पुलिस को दी,इसी बीच संचिता ने छत से कूद गई।
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