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Health Tips: धूप में भूलकर भी खाली पेट घर से न निकलें बाहर, भीषण गर्मी से बचने के लिए अपनाएं ये 15 उपाय

Summer Health Tips गर्मी में लू से बचाव के लिए डॉक्टर सही खान-पान रखने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि दोपहर 12 से शाम चार बजे तक घर से बाहर न निकलें। वहीं तबीयत खराब होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 22 Apr 2023 10:52 AM (IST)
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गर्मी से बचना है तो करें खास उपाय। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी और बढ़े हुए तापमान के बीच स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के उपाय सुझाए हैं। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने अपील है कि लोग दोपहर 12 से शाम चार बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें। अगर विशेष परिस्थिति में बाहर निकलना भी पड़े तो पूरी तैयारी के साथ ही जाएं। सुपाच्य भोजन करें और पानी व ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें। बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को घर से बाहर दिन के समय बिल्कुल न निकलने दें।

ये लक्षण दिखे तो तत्काल करें यह उपाय

सीएमओ ने बताया कि शहर व ग्रामीण क्षेत्र में धूप लगने, डायरिया व उल्टी के रोगियों की संख्या बढ़ी है। इन दोनों बीमारियों का लक्षण दिखते ही यथाशीघ्र 108 नंबर एम्बुलेंस को फोन कर सरकारी अस्पताल जाएं। अगर सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना, बेहोशी आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐंठन या नब्ज के असामान्य होने की शिकायत है तो यह लू का लक्षण हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर रोगी को छायादार जगह पर लिटाना चाहिए। उसके कपड़े ढीले कर देने चाहिए और कच्चे आम के पना जैसे पेय पदार्थ देने चाहिए। शरीर का तापमान घटाने के लिए ललाट पर ठंडे पानी की पट्टियां रखी जानी चाहिए। इस बार कई दिनों तक हीट वेव चलने की आशंका है, जिसके प्रति स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। दस्तक पखवाड़े के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिये लोगों को इस बारे में संदेश दिया जा रहा है।

गर्मी व लू से बचाएगी ऋतुचर्या व दिनचर्या

भीषण गर्मी एवं लू से बचने के लिए हमारे ऋषि-मुनियों एवं आचार्यों द्वारा आयुर्वेद में बताए गए आहार- विहार का पालन करने से इस ऋतु में होने वाले बीमारियों जैसे डायरिया, सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार उल्टी व शरीर में पानी की कमी से बचा जा सकता है।

आयुर्वेदाचार्य डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि अति आवश्यक न हो तो घर पर ही रहें। घर से बाहर सुबह-शाम ही निकलें। अधिक वजन वाले मधुमेह के रोगी दो चम्मच जौ का सत्तू व कम वजन वाले चने के सत्तू का सेवन करें। इससे दिन भर शरीर में तरावट बनी रहेगी। नास्ता से पहले खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि का सेवन करें। उसके आधे घंटे बाद हल्का पौष्टिक सुपाच्य नास्ता करें। एक-दो घंटे के अंतराल पर पानी पीते रहें।

करें यह बचाव

  • धूप में खाली पेट बिल्कुल न निकलें।
  • साफ पानी हमेशा साथ रखें प्यास लगने पर तत्काल पीएं।
  • घर में बने फलों के जूस, सत्तू, मठ्ठा आदि का सेवन करके ही बाहर निकलें।
  • मिर्च-मसाले वाले भोजन से परहेज करना है और बासी भोजन बिल्कुल न करें।
  • वातानुकूलित कमरे से निकल कर सीधे धूप में नहीं जाना है।
  • घर से बाहर निकलें तो भरपेट पानी पी लें।
  • सूती, ढीले और आरामदायक कपड़े पहन कर ही बाहर निकलें।
  • धूप में अपना सिर टोपी, कपड़ा और छतरी से ढंक कर रखें।
  • पानी, छाछ, ओआरएस का घोल, घर पर बनी लस्सी, नींबू पानी और आम के पना का सेवन करते रहें।
  • सड़क के किनारे बिकने वाले कटे हुए फल, असुरक्षित पेय और खोवे की मिठाई के सेवन न करें।
  • मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें।
  • पूरी बांह के हल्के कपड़े पहने और सोते समय मच्छदारी का प्रयोग करें।
  • ठंडे पानी का सेवन न करें।
  • खाने में ताजा व हरे सलाद का सेवन ज्यादा करें।
  • हरी साक-सब्जियों को आहार में शामिल करें।
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