अपराधी पर खाकी मेहरबान! गोरखपुर में जिस पुलिस बूथ के शिलापट का अधिकारियों ने किया उद्घाटन, उस पर हिस्ट्रीशीटर का है नाम
गगहा थाना क्षेत्र के कराहकोल घाट पर नवनिर्मित पुलिस बूथ पर शिलापट लगा है। इसका उद्घाटन 23 अक्टूबर को अधिकारियों ने किया उसका निर्माण हिस्ट्रीशीटर द्वारा कराने की चर्चा ने जोर पकड़ा है। लोगों का कहना है कि पुलिस को हिस्ट्रीशीटर की हर गतिविधि की जानकारी है बावजूद इसके उसका साथ दिया और उसके द्वारा निर्माण कराए गए शिलापट का अधिकारियों ने उद्घाटन किया।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Thu, 26 Oct 2023 09:11 AM (IST)
जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। गगहा थाना क्षेत्र स्थित कराहकोल घाट के पुलिस बूथ के शिलापट पर बड़हलगंज थाने के हिस्ट्रीशीटर का नाम अंकित है। सौजन्य से में दो नाम दर्ज हैं। इसमें हिस्ट्रीशीटर लाल बाबू उर्फ ललकू यादव का नाम शामिल है। पहला नाम देवरिया बरहज के निखिल उर्फ राजा सिंह का है। शिलापट में सबसे ऊपर एसएसपी, एसपी दक्षिणी, सीओ बांसगांव, थाना प्रभारी गगहा का नाम है। इसमें एसएसपी का नाम भी गलत लिखा है।
यह है पूरा मामला
एसएसपी बदमाशों पर सख्ती के लिए थानावार चिह्नित कर हिस्ट्रीशीट खोल रहे हैं। आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भिजवा रहे हैं। उधर, गगहा क्षेत्र में जिस पुलिस बूथ का उद्घाटन 23 अक्टूबर को अधिकारियों ने किया, उसका निर्माण हिस्ट्रीशीटर द्वारा कराने की चर्चा ने जोर पकड़ा है।लोगों का कहना है कि सबकुछ जानने के बाद भी पुलिस ने कैसे हिस्ट्रीशीटर का साथ दिया और उसके द्वारा बनवाए गए बूथ का उद्घाटन कर दिया। बड़हलगंज कोतवाली में दर्ज 260 ए नंबर का हिस्ट्रीशीटर ललकू यादव है। इसके विरुद्ध कोतवाली में 14 और मऊ के दोहरीघाट थाने में एक मुकदमा दर्ज है।
यह भी पढ़ें, बस्ती में दारोगा ने दिखाया खाकी का रौब, मूर्ति विसर्जन के दौरान वर्दी पर अबीर पड़ने पर महिलाओं से की अभद्रता पुलिस के अनुसार वह भू-माफिया है और विवादित जमीन की खरीद फरोख्त करता है। सूत्रों की मानें तो गजपुर के सियर में उसने कुछ जमीन खरीदी है। आसपास की जमीन पर भी उसकी नजर है। उसे कब्जाने की नीयत से ही उसने स्थानीय पुलिस से मिलकर पुलिस बूथ का निर्माण कराया। सियर में ही कांप्लेक्स बनाया है। इसका उद्घाटन भी 23 अक्टूबर को एक पार्टी के नेता ने किया था। बड़हलगंज पुलिस इसकी हिस्ट्रीशीट की जांच कर रही है।
गोला थाने में किया था सरेंडर
दो वर्ष पहले गैंगस्टर के एक मामले में लाल बाबू ने गोला थाने में सरेंडर किया था। उसे जेल भेजा गया था। बड़हलगंज कोतवाली में भी उस पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई हुई थी।
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