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Gorakhpur News: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की जेब काट रहे कर्मचारी, बोले रहे- पहले जांच कराकर आओ, तब देंगे मुफ्त दवा

उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर जिले मे एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बीआरडी मेडि‍कल कॉलेज में एचआईवी मरीजों को बाहर से दवा और जांच कराने पर मजबूर किया जा रहा है। मामला सामने आने पर हड़कंप मच गया है। बीआरडी मेडिकल कालेज के एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में एचआईवी मरीजों के लिए राहत की किरण थी लेकिन अब कहानी उल्‍टी हो गई है।

By Gajadhar Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 26 Jul 2024 08:58 AM (IST)
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बीआरडी मेडिकल कालेज में मरीजों की जेब काटी जा रही है। जागरण
गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। चिलुआताल के एक युवक पर वैसे ही काल खफा है। जीवन उसके हाथ से फिसलता जा रहा हैै। चारपाई पकड़ चुका यह खतरनाक बीमारी एड्स (एचआइवी पाजिटिव) से ग्रसित है। बीआरडी मेडिकल कालेज के एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में उसे आशा की किरण नजर आई।

वह इस उम्मीद में पहुंचा कि उसका निश्शुल्क समुचित उपचार हो जाएगा। लेकिन कर्मचारी उसकी जेब काटने में लग गए। उसे बाहर जांच कराने के लिए तीन माह से मजबूर किया जा रहा है। एक दवा भी उसे बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही हैं।

कर्मचारी कह रहे कि पांच हजार रुपये की जांच कराकर आओ तो तुम्हें एक लाख रुपये की दवा निश्शुल्क देंगे। जबकि सभी जांचों की सुविधा व दवाएं मेडिकल कालेज में निश्शुल्क मिलती हैं। यही अन्य राेगियों के साथ भी हो रहा है।

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युवक बेंगलुरु में पेंट पालिश का काम करता था। आठ माह पूर्व उसे बुखार व पेट दर्द की दिक्कत हुई। जांच में पता चला कि लिवर खराब हो रहा है। निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। रोगी की पत्नी का कहना है कि उपचार में लगभग ढाई लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

जेवर बेचने के बाद कर्ज भी लेना पड़ा है। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। अप्रैल में मेडिकल कालेज में उपचार के लिए आए तो एचआइवी की जांच कराई गई, रिपोर्ट पाजिटिव आई। तभी से एआरटी सेंटर में दिखा रहे हैं। तीन महीने से जांच लिखी जा रही है।

एक दवा भी बाहर की लिखते हैं। वह वह 450 रुपये स्ट्रिप मिलती है। वह दवा भी बाहर एक ही मेडिकल स्टोर पर मिलती है। दवा तो हम बाहर से खरीद लेते हैं लेकिन जांच महंगी होने से नहीं करा पा रहे हैं।

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छोटी पर्ची पर लिखकर दिया जाता है पैथोलाजी का नाम

कर्मचारी रोगियों को एक छोटी पर्ची पर पैथोलाजी का नाम लिखकर देते हैं और उसका पता बताते हैं कि मोगलहा में एक मोटरसाइकिल एजेंसी के पास है। इसके साथ ही एक निजी डाक्टर का कार्ड भी देते हैं और कहते हैं कि डाक्टर बहुत अच्छे हैं। उपचार बेहतर करते हैं।

बीआरडी मेडिकल कालेज प्राचार्य डा. रामकुमार जायसवाल ने कहा कि यह मामला संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एचआइवी पाजिटिव की सभी जांचें व दवाएं निश्शुल्क हैं।

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