Onion Price: प्याज की कीमतों में भारी गिरावट, इस कारण कम हुआ भाव
गोरखपुर में एक पखवारे के भीतर प्याज के दाम में दूसरी बार बड़ी गिरावट आई है। सोमवार को महेवा थोक मंडी में प्याज 2000 से 2100 रुपये क्विंटल बिका जबकि शनिवार को यही प्याज 2300 रुपये क्विंटल था।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 20 Jul 2021 01:11 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Onion Price in gorakhpur: एक पखवारे के भीतर प्याज के दाम में दूसरी बार बड़ी गिरावट आई है। सोमवार को महेवा थोक मंडी में प्याज 2000 से 2100 रुपये क्विंटल बिका, जबकि शनिवार को यही प्याज 2300 रुपये क्विंटल था। मंडी में भरपूर आवक के चलते 200 रुपये प्रति क्विंटल गिरावट आई है। फुटकर बाजार में गिरावट का असर दो दिन बाद दिखाई देगा। फिलहाल फुटकर में 30 से 35 रुपये किलो प्याज बिक रहा है। थोक कारोबारियों के मुताबिक प्याज के निर्यात पर रोक की वजह से घरेलू बाजार में प्याज के दाम कम हो रहे हैं। प्याज की कीमतों में कमी से लोगों ने राहत की सांस ली है।
थोक में 21 तो फुटकर में 30 रुपये किलो बिक रहा प्याजमहाराष्ट्र के नासिक और मध्यप्रदेश के शाजापुर से आने वाले प्याज के भाव में इस माह दूसरी बार बड़ी कमी आई है। 3000 रुपये क्विंटल पहुंच चुका प्याज अब 2000 रुपये के करीब आ गया है। इस तरह प्रति क्विंटल 1000 रुपये की कमी आई है। गोरखपुर में प्रतिदिन तीन ट्रक (एक ट्रक में 30 टन) की खपत है, जबकि मंडी में चार से पांच गाड़ियां रोज आ रहीं हैं। आसपास के कस्बों एवं जिलों में भी यहां से प्याज भेजा जा रहा है। थोक कारोबारी मोहम्मद शम्स से कहा कि प्याज के दाम कम होने की सबसे बड़ी वजह निर्यात पर रोक लगना है।
निर्यात पर रोक के कारण दाम में आई कमीपड़ोसी देशों में प्याज निर्यात न होने से प्याज के दाम लगातार नीचे आ रहे हैं। अगर मालभाड़ा कम हो जाए तो फुटकर में प्याज 20 रुपये से कम हो जाएगा।
डेढ़ गुनी हुई सब्जी की कीमतबारिश की वजह से सब्जियों की कीमतें आसमान पर पहुंच गई है। आलू-प्याज छोड़ सभी सब्जियों में पचास फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है। शहर के अलग-अलग बाजारों में परवल 80, नेनुआ 50, भिंंडी 40, लौकी 30, हरी मिर्च 80, करेला 50, बैगन 48 रुपये किलो बिक रहा है। सब्जी विक्रेता रामप्रीत ने बताया कि ग्राहक महंगी सब्जी खरीदना नहीं चाहते, इसलिए अन्य दिनों के मुकाबले 50 फीसद सब्जी ही मंडी से ला रहा हूं। ग्राहकों को ऐसा लगता है कि फुटकर विक्रेता ही सब्जी की कीमत बढ़ा रहे हैं।
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