खतरे में पड़ जाएगी जान, मिलावटी दूध से रहें सावधान
मिलावटी दूध उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डाल रहा है। हाल के दिनों में मिलावटी दूध मिलने की घटनाएं बढ़ी हैं।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 07 Jun 2019 12:16 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। सेहत के लिए सबसे अच्छा आहार माने जाने वाले सफेद दूध में मिलावट का काला कारोबार हो रहा है। मांग ज्यादा और उत्पादन कम होने से मिलावट के मामले काफी बढ़ गए हैं। मिलावटी दूध उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डाल रहा है। सोडा और अन्य दूसरे रासायनिक पदार्थों की मिलावट गंभीर बीमारियों का शिकार बना रही है। डब्ल्यूएचओ के रिपोर्ट की मानें तो भारत में मिलने वाला ज्यादातर दूध मिलावटी है, जो कैंसर जैसी बीमारी का शिकार बना सकता है।
दूध के 82 में से 56 नमूने फेल खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार खुले दूध के नमूने ज्यादा फेल होते हैं। विभाग द्वारा केवल देवरिया में ही वर्ष 2018-19 में लिए गए 77 में से 52 नमूने फेल पाए गए। इस साल अप्रैल में लिए गए पांच नमूने में चार फेल हुए।
ऐसे करें दूध की जांच
- मिलावट होने पर दूध का रंग हल्का पीला दिखाई देता है।
- गर्म करने पर हल्का लाल या पीला हो जाता है।
- सिंथेटिक दूध है तो सूंघने पर दूध जैसी गंध नहीं आएगी।
- हथेली पर दूध लेकर रगडऩे से झाग निकलता है।
- लैक्टोमीटर से पानी की मिलावट जांची जा सकती है।
- दूध का नमूना असुरक्षित मिलने पर छह माह उम्रकैद तक सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माना।
- सबस्टैंडर्ड होने पर पांच लाख तक जुर्माना।
- मिथ्याछाप पर तीन लाख तक जुर्माना।
- नियम अनदेखी पर दो लाख तक जुर्माना।
- स्वच्छता न पाए जाने पर दो लाख तक जुर्माना।
- बिना पंजीकरण बिक्री करने पर दो लाख तक जुर्माना।