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Bijli Bill: बिजली का बिल गलत बन गया तो न हों परेशान, ऐसे हो जाएगा ठीक

रीडिंग डिफेक्टिव (आरडीएफ) श्रेणी में बने बिजली के बिल ठीक कराने के लिए अभियंताओं के चक्कर नहीं काटने होंगे। इसके साथ ही बिलिंग सिस्टम में मीटर रीडर का नाम और मोबाइल नंबर भी अंकित हो जाएगा। इससे अभियंता सीधे मीटर रीडर से भी संपर्क कर सकेंगे। पिछले महीने गोरखपुर मंडल में दो लाख 20 हजार से ज्यादा बिल आरडीएफ श्रेणी में बने थे।

By Durgesh Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 14 Mar 2024 08:49 AM (IST)
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गोरखपुर मंडल में दो लाख 20 हजार से ज्यादा बिल आरडीएफ श्रेणी में बने थे।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बिजली का बिल गलत बन गया हो तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। मीटर रीडर जब भी घर पर पहुंचकर सही रीडिंग दर्ज करेगा, बिल सही हो जाएगा। बिजली निगम ने बिलिंग प्रणाली में बदलाव कर दिया है।

इससे रीडिंग डिफेक्टिव (आरडीएफ) श्रेणी में बने बिजली के बिल ठीक कराने के लिए अभियंताओं के चक्कर नहीं काटने होंगे। इसके साथ ही बिलिंग सिस्टम में मीटर रीडर का नाम और मोबाइल नंबर भी अंकित हो जाएगा। इससे अभियंता सीधे मीटर रीडर से भी संपर्क कर सकेंगे।

पिछले महीने गोरखपुर मंडल में दो लाख 20 हजार से ज्यादा बिल आरडीएफ श्रेणी में बने थे। नई व्यवस्था से यह सभी बिल सही रीडिंग दर्ज करते ही सही हो जाएंगे।

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बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए निगम लगातार अपनी व्यवस्था में सुधार करने में जुटा है। उपभोक्ताओं का बिल बनाने की सुविधा में बदलाव किया गया है। मीटर रीडर पिछले महीने की रीडिंग से कम रीडिंग अपनी हैंडहेल्ड मशीन में दर्ज करता है तो बिल आरडीएफ श्रेणी में चला जाता है। यह बिल अभियंता दुरुस्त करते थे अब मीटर रीडर अपनी हैंडहेल्ड मशीन में जैसे ही सही रीडिंग दर्ज करेगा बिल ठीक हो जाएगा।

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अस्थायी कनेक्शनों की श्रेणी में बदलाव की व्यवस्था को सुविधाजनक बना दिया गया है। साथ ही बिजलीकर्मियों के बिजली बिल का भुगतान उनके वेतन खाते में कटने की पूरी जानकारी ईआरपी पोर्टल पर दर्ज हो जाएगी।

अधीक्षण अभियंता शहर लोकेंद्र बहादुर सिंह, ने कहा कि बिलिंग व्यवस्था में बदलाव का लाभ उपभोक्ताओं को तो होगा ही बिजली निगम के अभियंता भी सहूलियत के साथ सुधार कार्यों व वितरण व्यवस्था को मजबूत बनाने में ज्यादा समय दे सकेंगे।

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