Move to Jagran APP

पत्नी को नहीं दी पेंशन तो पति को घर से निकाला, पुल‍िस तक पहुंचा मामला

पेंशन से रुपये नहीं देने पर बेलीपार के 63 वर्षीय सेवानिवृत्त रेलकर्मी को उसकी पत्नी ने घर से बाहर निकाल दिया। पति का आरोप था कि पत्नी उसका ध्यान नहीं रखती है। महिला थाने की मदद से उसे चार माह बाद अपने घर में प्रवेश मिला।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 10:59 AM (IST)
Hero Image
पेंशन की पूरी राश‍ि न देने पर पत्‍नी ने पत‍ि को घर से न‍िकाल द‍िया
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पेंशन से रुपये नहीं देने पर बेलीपार के 63 वर्षीय सेवानिवृत्त रेलकर्मी को उसकी पत्नी ने घर से बाहर निकाल दिया। पति का आरोप था कि पत्नी उसका ध्यान नहीं रखती है। महिला थाने की मदद से उसे चार माह बाद अपने घर में प्रवेश मिला। उसने कहा है कि वह अब पत्नी को प्रति माह दो हजार रुपये खर्च के लिए देगा। पत्नी को भी गलती का एहसास हुआ तो उसने कहा कि वह अब समय निकालकर पति का ध्यान रखेगी।

यह है मामला

बेलीपार थाना क्षेत्र के एक रिटायर्ड रेलकर्मी ने थाने में महिला थाने में तहरीर देकर कहा कि नौकरी के दौरान उसने कैंट थाना क्षेत्र में पत्नी के नाम से भूमि लेकर मकान बनवाया। अब उसकी पत्नी ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। ऐसे में वह बेलीपार में अपने पुश्तैनी घर में रहता है। महिला पुलिस ने उसकी पत्नी को थाने में बुलवाया तो उसने शिकायत की कि उसका पति उसे खर्च के लिए रुपये नहीं देता है। पति ने यह भी कहा कि पत्नी उसका ख्याल नहीं रखती है। वह बच्चों को अधिक समय देती है। महिला पुलिस कर्मियों के समझाने पर दोनों फिर से एक रहने को राजी हो गए।

बच्चे नहीं होने पर छोड़ रहा था पत्नी

कैंपियरगंज थाना क्षेत्र का एक युवक शादी के दस वर्ष बाद भी बच्चा नहीं पैदा होने पर पत्नी को छोड़ने जा रहा था। उसने महिला थाना पुलिस को बताया कि वह पिछले चार वर्ष से पत्नी की दवा करा रहा है। बावजूद इसके कोई लाभ नहीं हुआ। पुलिस ने युवक को समझाया तो उसने इंदौर से एक अनाथ बच्चे को गोद ले लिया। दोनों अब राजी-खुशी साथ रह रहे हैं।

मायके वालों के कहने पर पति को छोड़ रही थी युवती

कैंपियरगंज की युवती ने अंतरजातीय विवाह किया था। मायके वालों के कहने पर शादी के तीन वर्ष बाद उसने पति को छोड़ दिया था। वह पति के साथ जाने को तैयार नहीं थी। महिला थाने ने युवती की लगातार काउंसलिंग की तो वह पति के साथ जाने को राजी हो गई।

जानिए कितने मामलों में हुई सुलह

पिछले तीन वर्षों में आए मामले- करीब 7000

इतने मामलों में हुई सुलह- करीब 5000

इतने मामलों में मुकदमा दर्ज-करीब 200

अधिकांश मामलों में सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण कर दिया गया है। कुछ मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है। कुछ प्रकरण कोर्ट में चले गए हैं। कुछ प्रक्रियाधीन हैं। - अर्चना सिंह, प्रभारी निरीक्षक महिला थाना।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।