Lok Sabha Election: बड़ी नकदी है पास तो हिसाब जरूर रखें अपने साथ, नहीं तो जब्त हो जाएगी पूरी रकम
Lok Sabha Election चुनाव में दस लाख रुपये तक की रकम पकड़े जाने पर जिला प्रशासन की ओर से गठित उड़न दस्ते में शामिल प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी कार्रवाई करेंगे। इससे अधिक धनराशि पकड़े जाने पर आयकर विभाग को भी सूचना देनी होगी। जब्त राशि भी विभाग ही रखेगा। वहां साक्ष्य पेश करने और जांच में दावे सही पाए जाने पर आयकर विभाग रकम छोड़ेगा।
अरुण चन्द, गोरखपुर। Lok Sabha Election चुनावी समर के बीच ही 17 अप्रैल से लग्न भी तेज हो जाएगी। बैंड-बाजे की बुकिंग के साथ ही कपड़े, आभूषण की खरीदारी बढ़ जाएगी। ऐसे में 50 हजार से अधिक नकद धनराशि लेकर घर से बाहर निकल रहे हैं या व्यापारी हैं और दुकान, प्रतिष्ठान से कैश लेकर घर लौट रहे हैं तो, संबंधित धनराशि का हिसाब जरूर साथ रखें।
किसी भी चौराहे, सड़क पर उड़न दस्ते की टीम आपकी और आपके गाड़ी की तलाशी ले सकती है। छूट की तय धनराशि 50 हजार से एक रुपये भी अधिक पाए जाने पर टीम, उसका हिसाब मांग सकती है। यही नहीं टीम को कैश कहां से आया, इसका साक्ष्य देने के साथ ही यह भी बताना जरूरी होगा कि किस मकसद से इसे ले जा रहे हैं।
साक्ष्य सही नहीं पाए जाने पर रकम जब्त की जा सकती है। बेहतर होगा कि चुनाव संपन्न होने तक डिजिटल पेमेंट या फिर चेक को प्राथमिकता दें। 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से अब तक पूरे जिले में कैंट थाना क्षेत्र के एक ही स्थान से अलग-अलग दिनों में दो लोगों से क्रमश: पांच लाख और 4.50 लाख रुपये जब्त किए जा चुके हैं।
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29 मार्च को गोरखपुर विश्वविद्यालय के सामने हुई कार्रवाई में मौके पर संबंधित ठीकेदार हिसाब नहीं दे सका था, जिससे उड़नदस्ते ने रकम जब्त कर कैंट थाने को सुपुर्द कर दिया। हालांकि साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने के बाद जब्त की गई रकम की जांच करने वाली कमेटी ने रुपये छोड़ने का आदेश जारी कर दिया है।
इसी तरह गत शुक्रवार की रात 10 बजे उसी स्थान ने उड़नदस्ते ने फिर एक व्यापारी के पास से 4.50 लाख रुपये जब्त किए। मौके पर कोई भी साक्ष्य नहीं दिखा पाने पर वह रकम भी जब्त कर ली गई। व्यापारी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से शनिवार को जांच कमेटी के सामने साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। सोमवार को इस मामले में कमेटी निर्णय करेगी।
अपडेट पासबुक व सेल रजिस्टर की प्रति भी लेकर चलें साथमुख्य कोषाधिकारी प्रवीण सिंह के मुताबिक चुनाव के दौरान यदि कोई व्यक्ति 50 हजार से अधिक का कैश लेकर घर से बाहर निकल रहा है तो वह अपने साथ उसका हिसाब जरूर साथ रखे। मसलन यदि रुपये बैंक से निकाले गए हैं तो अपडेट पासबुक साथ रखें। यदि आपने किसी से उधार या मदद में कोई धनराशि ली है तो उस संबंधित व्यक्ति, संस्था का नाम, पता व मोबाइल नंबर साथ रखने के साथ ही उसने जहां से धनराशि आपको दी है, उसके साक्ष्य रखें।
इसे भी पढ़ें-सूरज के तेवर से सभी परेशान, इस शहर में 10 अप्रैल से बारिश के आसारयदि किसी किसान ने व्यापारी को अपना अनाज बेचा है तो उससे मुहर लगी रसीद की प्रति जरूर साथ रखें। इसी तरह यदि कोई व्यापारी या उद्यमी कैश लेकर चल रहा है तो उतने रकम की बिक्री से जुड़े सेल रजिस्टर की कंप्यूटराज्ड प्रति या रजिस्टर साथ रखें। यही नहीं धनराशि किस मद में खर्च करने के लिए ले जा रहे हैं, उसका भी साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा। यदि मौके पर साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर पा रहे हैं तो बाद में भी कमेटी के सामने साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं।
कमेटी पड़ताल करेगी और साक्ष्य सही पाए जाने पर जब्त की रकम छोड़ने का आदेश जारी करेगी। हालांकि ज्यादा सहूलियत यह होगी कि डिजिटल पेमेंट या चेक का विकल्प चुना जाए।हर विधानसभा क्षेत्र में तीन टीमें तैनातएडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि हर विधानसभा में तीन-तीन उड़नदस्ता टीम तैनात की गई है। अधिसूचना जारी होते ही सभी काे सक्रिय कर दिया गया है। इन टीमों के संचलन पर भी नजर रखी जा रही है।
10 लाख से अधिक हैं रुपये तो आयकर विभाग करेगा जांचचुनाव में दस लाख रुपये तक की रकम पकड़े जाने पर जिला प्रशासन की ओर से गठित उड़न दस्ते में शामिल प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी कार्रवाई करेंगे। इससे अधिक धनराशि पकड़े जाने पर आयकर विभाग को भी सूचना देनी होगी। जब्त राशि भी विभाग ही रखेगा। वहां साक्ष्य पेश करने और जांच में दावे सही पाए जाने पर आयकर विभाग रकम छोड़ेगा।
इसी तरह 50 हजार से अधिक और दस लाख तक की रकम पकड़े जाने पर उड़नदस्ते के अधिकारी संबंधित थाने को रकम सुपुर्द करेंगे। यही नहीं बैंक खातों से भी बड़े लेन-देन पर नजर रखी जा रही है। बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों की सूचना तत्काल जिला प्रशासन और आयकर विभाग को दी जाए।
मतदान के सात दिन के भीतर निस्तारण का प्रविधानचुनाव के दौरान साक्ष्य के अभाव में जब्त की गई रकम के निस्तारण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई हैं। इसमें सीडीओ संजय मीना, एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह और मुख्य कोषाधिकारी प्रवीण सिंह शामिल हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जब्त रकम को लेकर संबंधित की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने पर मतदान के अगले सात दिनों में निस्तारण का निर्देश दिया गया है। हालांकि आमजन की सहूलियत के लिए इस बार साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने के तत्काल बाद ही जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जा रही है।
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