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90 दिन में महिलाओं ने तैयार किए नौ करोड़ के स्कूली ड्रेस

बस्ती जिले में 555 समूह से जुड़ीं 1547 महिलाओं ने कोरोना काल में 90 दिन के भीतर 9 करोड़ रुपये का स्कूल ड्रेस तैयार कर बेचा। यह बात उन दिनों की है जब बाजार और उद्योग धंधे बंद थे। चहुंओर सन्नाटा पसरा हुआ था।

By Rahul SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 10:11 AM (IST)
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बच्‍चों में ड्रेस बांटती समूह की महिलाएं। जागरण

एसके सिंह, गोरखपुर : नारी सशक्तीकरण की दिशा में सरकार ने साथ दिया तो महिलाएं परिवार को आर्थिक मजबूती देनी लगी है। बस्ती जिले में 555 समूह से जुड़ीं 1547 महिलाओं ने कोरोना काल में 90 दिन के भीतर 9 करोड़ रुपये का स्कूल ड्रेस तैयार कर बेचा। यह बात उन दिनों की है, जब बाजार और उद्योग धंधे बंद थे। चहुंओर सन्नाटा पसरा हुआ था। समूह की महिलाओं ने मुख्य विकास अधिकारी सरनीत कौर ब्रोका के निर्देशन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्‍चों के लिए ड्रेस तैयार करने की प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। सस्ता,टिकाऊ और आकर्षक स्कूली ड्रेस तैयार कर समूह की महिलाएं पहले ही प्रयास में सराहना की हकदार बन गईं। बरकतउल्ला महिला स्वयं सहायता समूह की नसरीन खातून ने कोराना काल में मिले इस कार्य के लिए शासन-प्रशासन की तारीफ की। बताया हमने मास्क और स्कूल ड्रेस की सिलाई की थी। राम समूह आम कोइल की दुर्गावती ने भी इसमें बेहतर प्रदर्शन किया है।

ढाई लाख ड्रेस की हुई आपूर्ति

समूह की इन महिलाओं ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले ढाई लाख बच्‍चों के लिए ड्रेस तैयार किए। इसमें डेढ़ लाख परिषदीय स्कूलों के बच्‍चों के लिए था। बाकी कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत लड़कियों के थे। यह ड्रेस बच्‍चों को खूब पसंद आए। फिलहाल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही इन महिलाओं के बढ़ते कदम से हौसलों को पंख लग गए। कोई ऐसी महिला नहीं है, जिसने उस दौर में 25-30 हजार रुपये की कमाई न की हो। इस कार्य में 174 प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मिला।

स्काच पुरस्कार की दौड़ में बस्ती

एक जनपद एक काम की बात आई तो जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने समूह की महिलाओं के स्कूली ड्रेस तैयार करने के कार्य को संकलित कर द लेडी टेलर बस्ती शीर्षक से कोराना काल के दौरान प्रेरणादायी कार्य के रूप में स्कोच एवार्ड के लिए प्रस्तुति दी। इस कार्य की बदौलत बस्ती प्रदेश के अग्रणी जनपदों में खड़ा हो गया है। प्रतियोगिता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रोजेक्ट धूम मचा रहा है। फिलहाल बस्ती जनपद सेमीफाइनल में पहुंच गया है यानी अवार्ड से एक कदम की दूरी पर है। यह पुरस्कार भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने वाले व्यक्तियों, परियोजनाओं तथा संस्थानों को प्रदान किया जाता है। यह किसी स्वतंत्र संगठन द्वारा प्रदान किया जाने वाला देश का सर्वोच्‍च नागरिक सम्मान है।

आर्थिक स्‍वावलंबन की ओर बढ़ रही महिलाएं

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा कि नारी सशक्तीकरण की दिशा में यह प्रयास कारगर रहा। समूह से जुड़ी महिलाएं आर्थिक स्वावलंबन की ओर तेजी से बढ़ रही है। बस्ती जनपद में आठ हजार से ज्यादा समूह क्रियाशील है। इनकी बदौलत यह जनपद प्रदेश के अग्रणी जनपदों की कतार में खड़ा हो गया है।

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