Move to Jagran APP

BRD Medical College Gorakhpur: मरीज के परिजन से मारपीट का मामला शासन तक पहुंचा, शुरू हुई जांच

BRD Medical College Gorakhpur में मरीज के परिजन से मारपीट का मामला शासन तक पहुंच गया है। गुरुवार को इसकी जांच भी शुरू हो गई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 29 Aug 2020 10:22 AM (IST)
Hero Image
BRD Medical College Gorakhpur: मरीज के परिजन से मारपीट का मामला शासन तक पहुंचा, शुरू हुई जांच
गोरखपुर, जेएनएन। बुधवार को बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन वार्ड नंबर 14 में एक मरीज के तीमारदार को जूनियर डॉक्टरों द्वारा पीटे जाने और इस बीच मरीज की मौत हो जाने का मामला शासन तक पहुंच चुका है। डीएम के. विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर गुरुवार को पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। पर्ची काउंटर से लेकर मेडिसिन वार्ड तक जांच-पड़ताल की। हालांकि कॉलेज प्रबंधन के अनुसार मरीज की मौत यहां आने के पूर्व हो चुकी थी। प्रबंधन ने मारपीट से भी इंकार किया है।

एसपी नार्थ, एडीएम सिटी व सीओ चौरीचौरा मेडिकल कॉलेज पहुंचीं

शासन से निर्देश मिलने के बाद एसपी नार्थ अरविंद पांडेय, एडीएम सिटी राकेश कुमार श्रीवास्तव व सीओ चौरीचौरा रचना मिश्रा मेडिकल कॉलेज पहुंची। पर्ची काउंटर, ट्रामा सेंटर और मेडिसिन वार्ड में पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी जुटाई। डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों से उन्होंने बातचीत की। वे लोग प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार व एसआइसी डॉ. गिरीश चंद्र श्रीवास्तव से भी मिले।

दोबारा ईसीजी कराने को लेकर हुआ विवाद

प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार व मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. महीम मित्तल ने मारपीट की घटना से इन्कार किया है। उनका कहना है कि तीमारदार जब मरीज को लेकर ट्रामा सेंटर में पहुंचे, उसके पूर्व मरीज की मौत हो चुकी थी। मौत की तस्दीक के लिए इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने ईसीजी कराने के लिए वार्ड नंबर 14 में भेजा था। पहली बार ईसीजी कराने के बाद मौत की तस्दीक हो गई थी। तीमारदार दोबारा ईसीजी कराना चाह रहे थे। इसी को लेकर विवाद हो गया। जूनियर डॉक्टरों से मामूली कहासुनी हुई थी। मारपीट के आरोप बेबुनियाद हैं।

भाभी व पिता पैरों पर गिर पड़े, फिर भी जूनियर डॉक्टर पीटते रहे

गुरुवार को महिला का अंतिम संस्कार खलीलाबाद में हुआ। इस घटना में पीड़ित तीमारदार रोहित ने बताया कि मेडिसिन वार्ड में 20 मिनट तक मां को कोई इलाज नहीं मिला। वह अचेत हालत में थी। वह जिंदा थी कि मर गई हम यह नहीं समझ पा रहे थे। वहां मौजूद डॉक्टर से मैं व पिताजी एक बार मां को देखने का आग्रह कर रहे थे। इमरजेंसी से पर्चा मंगाने की बात कह कर जूनियर डॉक्टर टालते रहे। उन्होंने ईसीजी भी नहीं की थी। मेरे बार-बार आग्रह करने पर वह नाराज हो गए और घसीटकर मुझे एक कमरे में ले गए। वहां तीन जूनियर डॉक्टरों ने मुझे पीटा। मुझे बचाने के लिए भाभी व पिताजी उनके पैरों पर गिर पड़े लेकिन वे मारते रहे। मां की लाश बाहर स्ट्रेचर पर पड़ी थी। फिर भी उनका दिल नहीं पसीजा।

जारी रहेगी जांच

डीएम के आदेश पर जांच की जा रही है। बीआरडी प्रशासन का पक्ष लिया गया है। पीड़ित परिवार से संपर्क नहीं हो सका है। शुक्रवार को उनका भी पक्ष लिया जाएगा। उसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। - राकेश श्रीवास्तव, एडीएम सिटी

यह है मामला

संतकबीरनगर जिले के घनघटा के मुठही कला निवासी सुमित उर्फ रोहित की मां 65 वर्षीय सीता देवी को बुधवार की सुबह हार्ट अटैक आया। वह पहले संतकबीरनगर के एक निजी अस्पताल में लेकर गए। डॉक्टरों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। वह मां को लेकर बीआरडी के ट्रामा सेंटर पहुंचे। डॉक्टरों ने 14 नंबर वार्ड में जाने को कहा। वार्ड में पहुंचने के बाद उन्होंने डॉक्टर से मां को देखने का अनुरोध किया। रोहित का आरोप है कि डॉक्टर ने 15 मिनट में वार्ड में पहुंचकर मरीज को देखने की बात कही। लेकिन वह आधा घंटे तक नहीं आए। इसके बाद फिर से डॉक्टर के पास गए तो वह अपशब्द कहने लगे। विरोध करने पर डॉक्टर ने खुद पीटा साथ ही उनके साथ मौजूद कर्मियों ने भी पिटाई की। इस बीच वार्ड में बिना इलाज के ही मां की मौत हो गई। इस दौरान उन्होंने इलाज के पर्चे भी छीन लिए।

पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

31 मई को संतकबीर नगर के पिता-पुत्र का सिर फोड़ा।

09 फरवरी को साथी का इलाज कराने आए इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्राें से मारपीट।

29 फरवरी को मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर 14 में एक मरीज के तीमारदारों को -बुरी तरह पीटे।

20 अक्टूबर 2019 को चिलुआताल के मरीज के तीमारदारों को पीटे।

02 नवंबर 2019 को वार्ड नंबर 14 में कुशीनगर के एक मरीज के तीमारदारों के साथ मारपीट।

25 सितंबर 2019 को मुजहना, महराजगंज के एक मरीज के तीमारदारों को कमरे में बंद कर पीटे।

24 जुलाई 2019 को श्यामदेवउरवा, महराजगंज के एक मरीज के तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।