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गोरखपुर में जालसाज महिला ने 33 लाख में बेंच दी दूसरे की तीन एकड़ भूमि

आभा मल्ल पत्नी रमेश मल्ल व आरती देवी पत्नी राम दयाल रावत के नाम तीन एकड़ का एक भूखंड है। दोनों इस भूखंड की संयुक्त खातेदार हैं। एक महिला ने दोनों के नाम से आधार कार्ड बनवाकर यह भूमि 33 लाख रुपये में कुछ दिनों पूर्व बेंच दी।

By Satish chand shuklaEdited By: Updated: Tue, 26 Jan 2021 04:10 PM (IST)
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दूसरे की जमीन बेचने के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। खजनी थाना क्षेत्र में एक जालसाज महिला ने दूसरे के नाम की तीन एकड़ भूमि 33 लाख रुपये में बेंच दिया है। भूमि की असली मालकिन को इसकी खबर लगी तो वह सन्न रह गई। उसने थाने में आरोपित के विरुद्ध तहरीर दी है। पुलिस जांच में जुटी है।

सूचना मिलने पर दंग रह गई भूमि की असली मालकिन

खजनी थाना क्षेत्र के ग्राम अहमदपुर में आभा मल्ल पत्नी रमेश मल्ल व आरती देवी पत्नी राम दयाल रावत के नाम तीन एकड़ का एक भूखंड है। दोनों इस भूखंड की संयुक्त खातेदार हैं। एक महिला ने दोनों के नाम से आधार कार्ड बनवाकर क्षेत्र के पांच व्यक्तियों को यह भूमि 33 लाख रुपये में कुछ दिनों पूर्व रजिस्ट्री कर दिया। किसी तरह से यह बात रामदयाल रावत को पता चली। रामदयाल को पता चली तो उसने यह जानकारी अपनी पत्नी को दी। इसकी जानकारी आभा मल्ल को हुई तो वह भी सन्न रह गईं।

तहरीर मिलने पर पर छानबीन में जुटी पुलिस

रामदयाल ने देवरिया जिले के ग्राम सभा कपरवार के मूल निवासी हैं। अहमदपुर में उनकी ससुराल है। कई वर्ष पूर्व उनकी पत्नी आरती व आभामल्ल ने अहमदपुर में जमीन खरीदी थी। उन्होंने खजनी तहसील में प्रार्थना पत्र देकर आपत्ति जताई है। खजनी पुलिस को भी तहरीर दी है। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिली है। जांच कर आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

चोरी के जुर्म में पांच साल का कारावास

बाइक चोरी कर उसका नंबर प्लेट बदलकर उपयोग करने का जुर्म सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश कलामुद्दीन ने अभियुक्त को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही सात रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। कैंट क्षेत्र के नंदानगर निवासी भक्ति बसफोर को मोहद्दीपुर चौराहे के पास से 16 जनवरी 2016 को उप निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह ने चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार किया था। उस पर लगा नंबर प्लेट भी फर्जी पाया गया था। अदालत में अभियोजन पक्ष का पक्ष रखते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रविंद्र सिंह एवं रमेश सिंह ने अभियुक्त को कठोर दंड देने की अदालत से मांग की थी।

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