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North Eastern Railway: रेलवे आवासों पर अब नहीं लगेगा बढ़ा हुआ किराया, बोर्ड का निर्णय वापस

दरअसल बोर्ड ने एक जुलाई 2020 और पांच नवंबर 2020 को रेलवे आवासों पर दस फीसद किराया बढ़ाने का निर्देश जारी किया था। रेलवे के इस निर्णय से रेलकर्मियों में रोष था। टाइप फोर आवास में भी 450 की जगह 500 रुपये देने पड़ रहे थे।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 11:37 AM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 06:07 PM (IST)
रेल आवासों में किराया के संबंध में फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे आवासों पर अब बढ़ा हुआ किराया नहीं लगेगा। रेलवे बोर्ड ने अपना निर्णय वापस ले लिया है। बोर्ड ने पिछले साल रेलवे आवासों पर दस फीसद किराया बढ़ा दिया था। रेलवे बोर्ड के इस निर्णय से कर्मचारियों में खुशी है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी के अनुसार बोर्ड ने 9 मार्च को बढ़ा हुआ किराया वापस लेने का दिशा- निर्देश जारी कर दिया है।

बढ़ा दिया था 10 फीसद किराया

दरअसल, बोर्ड ने एक जुलाई 2020 और पांच नवंबर 2020 को रेलवे आवासों पर दस फीसद किराया बढ़ाने का निर्देश जारी किया था। रेलवे के इस निर्णय से रेलकर्मियों में रोष था। टाइप फोर आवास में भी 450 की जगह 500 रुपये देने पड़ रहे थे। ऐसे में असंतोष बढ़ता ही जा रहा था। कर्मचारियों के इस मुद्दे को आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया था। एआरआएफ की मांग और कर्मचारियों की समस्याओं को देखते हुए बोर्ड ने अपना निर्णय वापस ले लिया है। नरमू और एआइआरएफ ने  किराया वापस लेने के निर्णय का स्वागत किया है।

अब सभी विभागों के सफाईकर्मी बन सकते हैं टीटीई, आदेश जारी

अब रेलवे के सभी विभागों (लेखा, कार्मिक, इंजीनियरिंग, यांत्रिक, निर्माण, परिचालन और विद्युत आदि) के सफाईकर्मी विभागीय पदोन्नति परीक्षा पास कर चल टिकट परीक्षक (टीटीई) और बुकिंग क्लर्क बन सकते हैं। योग्य चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भी सम्मानजनक पदों पर पदोन्नति हो सकेगी। अभी तक सिर्फ वाणिज्य विभाग के सफाईकर्मियों को ही परीक्षा में बैठने का अधिकार था। वाणिज्य विभाग अब कुल रिक्त पदों के सापेक्ष 17 फीसद पद लिमिटेड डिपार्टमेंटल कंपटीटिव इग्जामिनेशन (एलडीसीई) के जरिये भर सकता है। अन्य शेष पदों में 50 फीसद सीधी भर्ती व 33 फीसद विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भरी जाएगी। रेलवे बोर्ड का यह निर्णय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति की राह आसान कर दी है।


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