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New Criminal Laws: बदल गईं IPC की धाराएं, चोरी-मानहानि पर करनी होगी नालों की सफाई; साइबर अपराध पर तो मृत्युदंड

आज से यूपी समेत पूरे भारत में नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। नए कानून के अनुसार चोरी मानहानि के मामले में आरोप तय होने पर अब सड़क व नाले की सफाई करनी होगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 173 (3) के अनुसार सात वर्ष से कम सजा वाले मामले में मुकदमा दर्ज करने से पहले थानेदार को जांच करने का अधिकार होगा।

By Satish pandey Edited By: Aysha Sheikh Published: Mon, 01 Jul 2024 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2024 10:59 AM (IST)
भारत में नये आपराधिक कानून लागू - प्रतीकात्मक फोटो

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। चोरी, मानहानि के मामले में आरोप तय होने पर अब सड़क व नाले की सफाई करनी होगी। आज से लागू हो रहे नए कानून को लेकर थानेदार के साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने के साथ ही जिम्मेदारी भी बतायी गई है। रविवार को सभी थानों के कार्यालय में नए कानून लागू होने के बाद हुए बदलाव पर बना कलेंडर लगा दिया गया। ताकि मुकदमा दर्ज करने में मुंशी व दीवान को परेशानी न हो।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 303 (2) में प्रविधान किया गया है कि पहली बार अगर कोई 5000 रुपये कीमत से कम की चोरी करता है, आरोप की पुष्टि होने पर अगर वह चुराई गई संपत्ति वापस कर देता है तो सामुदायिक सेवा के दंड से दंडित किया जाएगा। इसके अलावा मानहानि का आरोप तय होने पर आरोपित को इसी दंड से दंडित किया जाएगा।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 173 (3) में प्रविधान किया गया है कि सात वर्ष से कम सजा वाले मामले में मुकदमा दर्ज करने से पहले थानेदार को जांच करने का अधिकार होगा। यह जांच 14 दिन के भीतर पूरी करनी होगी। इसके अलावा दुष्कर्म का मुकदमा थाने के मुंशी व दीवान दर्ज नहीं करेंगे। हर थाने में एक महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी रहेगी, जो पीड़ित का बयान दर्ज करने के साथ ही खुद मुकदमा दर्ज करेगी।

लोकसेवक पर नहीं कर सकेंगे परिवाद

लोकसेवक के विरुद्ध शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर अब कोई भी व्यक्ति न्यायालय में परिवाद दाखिल नहीं कर सकेगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 (2) में इसकी व्याख्या करते हुए पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। लोकसेवक पर परिवाद तभी दाखिल होगा, जब उसके विभाग के अधिकारी आरोप की जांच करके उसके विरुद्ध रिपोर्ट देंगे।

बदल गई यह धाराएं 

अपराध IPC VNS
हत्या 302 101
हत्या का प्रयास 307 109
दुष्कर्म 376 63
जालसाजी 420 316

साइबर अपराधी को मिलेगी मृत्यु की सजा

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 111 में संगठित अपराध को परिभाषित किया गया है। इसमें 17 मामले शामिल किए गए हैं, जिसमें साइबर अपराध, अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरिया वसूली, भूमि हथियाना, सुपारी देकर हत्या करना, नकली नोट छापना व चलाने के मामले को शामिल किया गया है। साइबर अपराध में शामिल अपराधी व उसके सहयोगियों को मृत्युदंड की सजा व पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

तीन नए कानून को लेकर थानेदार, चौकी प्रभारी के साथ ही थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। सोमवार से सभी थानों में नए कानून के हिसाब से मुकदमा दर्ज होगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। - डा. गौरव ग्रोवर, एसएसपी

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