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Indian Railway: एसी होंगे लोकोमोटिव, सीसी कैमरे के साथ लगेंगे वाइस व वीडियो रिकार्डर- अफसर करेंगे निगरानी

नए इलेक्ट्रिक इंजनों में एसी के साथ सीसी कैमरे व वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पूर्वोत्तर रेलवे के 50 पुराने इंजन उपकरणों से लैस होंगे। ऐसे में अब आपस में बातचीत नहीं करने पर लोको पायलट पकड़े जाएंगे।

By Prem Naranyan DwivediEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 28 Oct 2022 03:09 PM (IST)
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भारतीय रेलवे के सभी नए इलेक्ट्रिक इंजनों में लगेंगे एसी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। लोको पायलटों को अब न गर्मी सताएगी और न ही झपकी लगेगी। मनमानी नहीं चलेगी, झूठ बोलने पर पकड़े भी जाएंगे। उन्हें हरहाल में हर सिग्नल, क्रासिंग और स्टेशनों पर नियमानुसार आपस में अनिवार्य रूप से बातचीत करनी होगी। दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी इलेक्ट्रिक इंजनों (लोकोमोटिव) को वातानुकूलित (एसी) करने की योजना तैयार की है। इंजनों में सीसी कैमरे के साथ अब वाइस और वीडियो रिकार्डर भी लगाए जाएंगे, ताकि अफसर लोको पायलटों की आपसी बातचीत के साथ उनकी हर गतिविधियों पर नजर रख सकें।

नए इलेक्ट्रिक इंजनों में उपलब्ध होंगी सुविधाएं

रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे स्तर पर बनने वाले सभी नए इलेक्ट्रिक इंजनों में एसी के साथ सीसी कैमरे, वाइस और वीडियो रिकार्डर लगाने के लिए निर्देशित कर दिया है। नए ही नहीं पुराने इंजनों का भी कायाकल्प होगा। पूर्वोत्तर रेलवे के 50 पुराने इंजनों में भी इन सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। बोर्ड के निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने उपकरण लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही गोरखपुर स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड में उपकरण लगने आरंभ हो जाएंगे। इंजनों में सीसी कैमरे तो लगने लगे हैं। प्रथम चरण में 371 इलेक्ट्रिक चालित इंजनों में कैमरे लगा दिए गए हैं। अब वाइस और वीडियो रिकार्डर लग जाने से संरक्षा और पुख्ता हो जाएगी। एसी लोकोमोटिव पायलटों को राहत देगी।

झपकी आने से बढ़ जाती है दुर्घटना की आशंका

जानकारों का कहना है कि झपकी आने और आपस में संवाद स्थापित न करने से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। ड्यूटी पर काम के दौरान बात करना भले ही अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन नियमों के अनुसार ट्रेन चलाते समय लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को क्रासिंग, सिग्नल और स्टेशन के पहले आपस में बोलकर जानकारियों का आदान- प्रदान करना जरूरी होता है। लोको पायलटों की सुविधा के लिए इंजनों में बायो टायलेट लगाने की भी योजना है। कुछ इंजनों में लगाकर इसका परीक्षण भी किया गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि संरक्षा रेलवे की पहली प्राथमिकता है। इसको सुदृढ बनाए रखने के लिए सतत सुधार किए जाते हैं। इसीक्रम में लोकोमोटिव (रेल इंजनों) में वॉइस एवं वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाया जा रहा है, जिससे ट्रेन संचालन के दौरान लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट के सिग्नल के आदान प्रदान संबंधी एवं अन्य संरक्षा संबंधी व्यवहार की निगरानी की जा सके।

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