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Railway News: सर्दी में ट्रेन हादसों पर लगेगा ब्रेक, सिग्नल आते ही लोको पायलटों को सतर्क करेगी यह डिवाइस

रेलवे प्रशासन ने सर्दी में पड़ने वाले कोहरे को देखते हुए ट्रेनों के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगाने का निर्देश दिया है। इस डिवाइस के जरिये कोहरे में लोको पायलटों को 500 मीटर पहले सिग्नल की जानकारी मिल जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Wed, 09 Nov 2022 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 09 Nov 2022 12:06 PM (IST)
लोको पायलटों को 500 मीटर पहले मिल जाएगी सिग्नल की जानकारी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोहरे में सिग्नल नजदीक आते ही फाग सेफ डिवाइस लोको पायलटों को सतर्क करने लगेगी। 500 मीटर पहले ही डिवाइस से आवाज निकलने लगेगी, कृपया ध्यान दें, सिग्नल सामने है। डिवाइस से न सिर्फ आवाज निकलेगी, बल्कि वीडियो पर भी सिग्नल दिखने लगेंगे। रेल दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने, समय पालन दुरुस्त रखने और यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस अनिवार्य कर दिया है। डिवाइस यात्री गाड़ियों ही नहीं मालगाड़ियों में भी लगने लगी हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने जारी किया दिशा-निर्देश

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने 219 यात्री गाड़ियों और 170 मालगाड़ियों के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। यह डिवाइस रास्ते में पड़ने वाले सभी सिग्नल, क्रासिंग और स्टेशनों की जानकारी देती रहेगी। सिस्टम में लगे आडियो और वीडियो के माध्यम से लोको पायलटों हर पल अलर्ट रहेंगे। लोको पायलटों को सिग्नल देखने के लिए इंजन से बाहर मुंह नहीं निकालना पड़ेगा। जानकारों के अनुसार लोको पायलट फाग सेफ डिवाइस लेकर चलने लगे हैं। इंजन में स्थापित करने के पहले पायलटों को डिवाइस में अपनी आइडी और रूट चार्ट भरना होता है। इसके बाद डिवाइस सीधे जीपीएस सिस्टम से जुड़ जाती है। फाग सेफ डिवाइस जीपीएस पर आधारित है। इस सिस्टम में रेलवे की भौगोलिक संरचना दर्ज रहती है।

किमी से अधिक नहीं होगी ट्रेनों की रफ्तार

कोहरे ने दस्तक दे दी है। रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों के इंजन में फाग सेफ डिवाइस अनिवार्य करने के साथ ही अधिकतम गति सीमा भी निर्धारित कर दिया है। कोहरे में ट्रेनें 75 किमी प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से नहीं चलेंगी। सबसे पीछे लगने वाले कोच में लाल बत्ती की जगह फ्लैशिंग टेल लैंप लगाई जा रही हैं। लोको पायलटों को समपार फाटकों पर ट्रेनों को नियंत्रित कर चलाने के लिए निर्देशित कर दिए गए हैं। फाटकों पर सीटी बजाना अनिवार्य है। इसके अलावा स्टेशनों, क्रासिंगों और सिग्नलों पर पारंपरिक नियमों और संसाधनों (चूना पटाखा आदि) को भी लागू कर दिया गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के पंकज कुमार सिंह ने बताया कि सभी ट्रेनों के लोकोमोटिव (इंजन) में फॉग सेफ डिवाइस दिए जा रहे हैं। कोहरे के मौसम में सुरक्षित एवं संरक्षित यात्री एवं माल परिवहन सुनिश्चित करने तथा समय पालन को बेहतर रखने के दिशा में यह एक प्रभावी व्यवस्था है।


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