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Indian Railway: सुरक्षित होगा रेलवे का सफर, ट्रेनों में नहीं लगेगी आग- धुआं उठते ही होने लगेगी पानी की बौछार

सुरक्षित रेल यात्रा के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के 57 पेंट्रीकार पावरकार व 267 एलएचबी कोचों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सप्रेशन सिस्टम लगेंगे। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर गोरखपुर यांत्रिक कारखाने में सिस्टम लगाने की प्रकिया शुरू हो गई है। दो कोचों में सिस्टम लग गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Wed, 02 Nov 2022 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 02 Nov 2022 09:30 AM (IST)
सुरक्षित यात्रा के लिए लगेंगे फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सप्रेशन सिस्टम। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ट्रेनों में आग नहीं लगेगी। धुआं उठते ही पानी की बौछार होने लगेगी। रेल यात्रा को आग से पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए पेंट्रीकार और पावरकार ही नहीं अब सभी लिंकहाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों में भी फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सप्रेशन सिस्टम लगाए जाएंगे। प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के 57 पेंट्रीकार, पावरकार और 267 एलएचबी कोचों में यह सिस्टम लगाए जाएंगे। गोरखपुर स्थित यांत्रिक कारखाने में सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दो कोचों में यह सिस्टम लग चुका है।

सुरक्षित यात्रा के लिए लगाए जाएंगे ये सिस्टम

फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सप्रेशन सिस्टम के तहत एस्पीरेशनटाइप फायर एण्ड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, सप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर आदि उपकरण लगाए जाएंगे, जो यात्रियों को सतर्क करने के साथ आग बुझाने का भी कार्य भी करते हैं। जानकारों के अनुसार फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम के तहत सेंसर व प्रेशरयुक्त अग्निशमन यंत्र के साथ दो सिलेंडर और पाइप लगाए जाते हैं। एक सिलेंडर में पानी और दूसरे में नाइट्रोजन भरा रहता है।

ऐसे काम करेगा सिस्टम

धुंआ, चिंगारी या आग का संकेत मिलते ही सिस्टम में लगे सेंसर सक्रिय हो जाते हैं। अलार्म बजने के साथ दोनों सिलेंडर क्रियाशील होकर प्रेशर बनाने लगते हैं। कुछ देर में नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों में प्रवाहित होने लगता है। दबाव बढ़ते ही वाल्व खुल जाते हैं और नाइट्रोजन मी पानी की बौछार शुरू हो जाती है। यहां जान लें कि पूर्वोत्तर रेलवे के दर्जन भर ट्रेनों में पेंट्रीकार लगती है। इसके अलावा लगभग सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में एलएचबी कोच लगने लगे हैं। ट्रेनों में विकल्प के रूप में एक पावरकार लगाई जाती है। पावरकार में जनरेटर होता है, जो विशेष परिस्थितियों में कोचों को बिजली की आपूर्ति करता है। पेंट्रीकार की तरह पावरकार और कोचों में भी आग लगने की आशंका बनी रहती है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बतााया कि यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर नित नए उपाय किए जा रहे हैं। इसीक्रम में यात्रिक कारखाना गोरखपुर में आधुनिक एलएचबी कोचों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सप्रेशन सिस्टम का प्रावधान किया जा रहा है।


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