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Good News: पूर्व सैनिकों को रोजगार देगा रेलवे, संविदा पर गेटमैन बनेंगे 13518 सैनिक

रेलवे 13518 पूर्व सैनिकों को संविदा के आधार पर गेटमैन तैनात करेगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे में भी 669 पूर्व सैनिक रखे जाएंगे। मार्च 2023 तक इनकी तैनाती होगी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 09 Oct 2022 03:26 PM (IST)
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भारतीय रेलवे में संविदा पर गेटमैन बनेंगे 13518 पूर्व सैनिक। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय रेलवे में 13518 पूर्व सैनिक संविदा के आधार पर गेटमैन तैनात किए जाएंगे। पूर्वोत्तर रेलवे में भी 669 पूर्व सैनिक रखे जाएंगे। उनकी तैनाती 31 मार्च 2023 तक होगी। क्षेत्रीय महाप्रबंधकों की देखरेख में ही पूर्व सैनिकों की तैनाती की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस आशय से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

बोर्ड ने दिया यह दिशा-निर्देश

नई व्यवस्था के तहत पूर्व सैनिकों को इंजीनियरिंग और ट्रैफिक गेटमैनों के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया गया है। महाप्रबंधक इन गेटमैनों पर गैर जरूरी खर्चों में कटौती और पदों के सरेंडर होने में बचत होने वाले धन का उपयोग करेंगे। रेलवे बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया है कि नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति के साथ ही पूर्व सैनिकों को क्रमवार हटाया जाएगा। लेकिन रेलवे बोर्ड के इस फरमान पर पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने नाराजगी जताई है।

खतरनाक है संविदा पर रेलवे को चलाने की मंशा

संघ के संयुक्त महामंत्री एके सिंह ने कहा है कि यह पद रेल संरक्षा से जुड़ा हुआ है। इसके साथ समझौता नहीं किया जा सकता। संविदा पर रेलवे को चलाने की मंशा खतरनाक है। रेलवे स्थाई उपक्रम है, इसका संचालन स्थाई कर्मचारियों के जिम्मे ही होनी चाहिए। उन्होंने रेलवे बोर्ड और प्रशासन से मांग किया है कि इन सभी रिक्तियों का अभियान चला कर रेलवे भर्ती सेल के जरिए भरा जाए। यहां जान लें कि रेलवे के सभी क्रासिंग (समपार फाटक) मानव सहित (मैंड) कर दिए गए हैं। जिस क्रासिंग पर रेलकर्मी नहीं हैं, वहां पूर्व सैनिकों को तैनात करने की योजना है।

निजीकरण और नई पेंशन योजना के विरोध में रेलवे मेंस कांग्रेस ने भरी हुंकार

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस ने शनिवार को डेयरी कालोनी स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित जन कन्वेंशन में निजीकरण और नई पेंशन योजना के विरोध में हुंकार भरी। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम और फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस के पदाधिकारियों और रेलकर्मियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण और नई पेंशन योजना के विरोध में देशभर में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही दिल्ली में संसद भवन का घेराव किया जाएगा।

जारी है पुरानी पेंशन योजना के बहाली की लड़ाई

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के संरक्षक सुभाष दुबे और सर्वजीत सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर संयुक्त लड़ाई जारी है। देशभर में नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया है। केन्द्रीय अध्यक्ष अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि भारत सरकार रेलवे के साथ और कई सरकारी तंत्रों का निजीकरण कर रही है। नौकरियां समाप्त हो रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दुर्गेश पाण्डेय, मनोज कुमार, रजनीश तिवारी, केएन चौबे, विजय नाथ ठाकुर, गोपीनाथ उपाध्याय, विजय कुमार बंधु, राजेंद्र पाल, डा. कमल उसरी, अब्दुल शेख, मनोज गोस्वामी और जेएन शाह आदि ने सरकार से निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने के साथ पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की। अंत में शिवेंद्र पांडेय ने आभार ज्ञापित किया।

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