Indian Railway: रेलवे स्टेशनों पर भी मिलेगी दवा, सफर में तबियत बिगड़ने पर ऐसे मांग सकते हैं मदद
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा को लेकर काफी प्रयासरत रहता है। समय- समय पर नियमों में बदलाव कर यात्रियों को सुविधा प्रदान की जाती है। इसी क्रम में अब रेलवे स्टेशनों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी है। जन औषधि केंद्र के लिए गोरखपुर जंक्शन का गेट नंबर चार चिह्नित किया गया है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलवे स्टेशनों पर भी अब दवाइयां मिल जाएंगी। स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर, बनारस, लखनऊ और काशीपुर चिह्नित किए गए हैं। गोरखपुर और लखनऊ के लिए निविदा आमंत्रित कर दी गई है। गोरखपुर में केंद्र खोलने के लिए गेट नंबर चार को चिह्नित किया गया है।
50 स्टेशनों पर खोले जाने हैं केंद्र
पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारतीय रेलवे स्तर पर 50 स्टेशनों पर केंद्र खोले जाने हैं। आने वाले दिनों में सभी प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। यात्रियों को दवाओं के लिए स्टेशन के बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद ने एक समान डिजाइन तैयार की है। विश्वस्तरीय स्टेशन गोरखपुर में पिछले छह साल से मेडिकल शाप बंद है।
सफर में तबीयत खराब होने पर स्टेशन पर मिलता है उपचार
सफर के दौरान तबीयत खराब होने पर यात्री रेल मदद एप या हेल्प लाइन नंबर 139 पर मदद मांग सकते हैं। कोच कंडक्टर और गार्ड से भी हेल्प ले सकते हैं। गार्ड (ट्रेन मैनेजर) के पास फर्स्ट एड बाक्स भी उपलब्ध रहता है। यात्री की स्थिति गंभीर होने पर रेलवे प्रशासन अगले स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता है। स्टेशन पर चिकित्सकों की तैनाती नहीं होती, लेकिन स्टेशन प्रबंधन पास वाले रेलवे अस्पताल में तैनात चिकित्सक को आन काल बुला लेता है। जिला अस्पताल से भी चिकित्सकों को बुलाने का प्रविधान है। स्टेशन पहुंचने वाले चिकित्सकों के लिए 100 रुपये फीस निर्धारित है। यात्री को अलग से दवा की कीमत देनी पड़ती है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र योजना लागू होने से यात्रियों को जरूरी सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। -पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे