International Yoga Day 2024: योगमय हुआ गोरखपुर, योग से सीखा निरोग रहने का मंत्र
International Yoga Day 2024 उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में योग दिवस मनाया गया। शहर के हर कोने पर योग शिविर लगा था। बड़ी संख्या में महिला पुरुष व बच्चों ने योग का प्रयोग कर उसके विविध आयामों से परिचित हुए। योग के प्रति लोगों की ललक व उत्साह देखते बनता था। हरियाली से भरपूर आरोग्य मंदिर एक हजार से अधिक लोगों के एक साथ योग करने का गवाह बना।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को पूरा शहर योगमय हो गया था। जगह-जगह योग शिविर आयोजित किए गए। बड़ी संख्या में लोगों ने योगासन व प्राणायाम का प्रयोग कर निरोग रहने का मंत्र सीखा।
लगभग सभी पार्क व विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में योग शिविर आयोजित थे। सुबह छह से सात बजे तक लोगों ने योगासनों, व्यायाम व प्राणायाम का प्रयोग किया। गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर विश्वविद्यालय, स्पाेर्ट्स कालेज, आरोग्य मंदिर, वृद्धाश्रम, जिला अस्पताल समेत अनेक जगहों पर आयोजित शिविरों में बड़ी संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किया।
दैनिक जागरण व आरोग्य मंदिर का योग शिविर आरोग्य मंदिर, आम बाजार में आयोजित किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने व्यायाम, योगासन व प्राणायाम का प्रयोग कर योग व स्वास्थ्य के रिश्ते को जाना तथा नियमित योग करने का संकल्प लिया। योग शिविर में एक हजार से अधिक लोग शामिल हुए। हरियाली से भरपूर आरोग्य मंदिर एक हजार से अधिक लोगों के एक साथ योग करने का गवाह बना।
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बड़ी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चों ने योग का प्रयोग कर उसके विविध आयामों से परिचित हुए। योगाचार्य डा. पियूष पाणि पांडेय के निर्देशन में लोगों ने अनेक व्यायाम, योगासन व प्राणायाम का प्रयोग कर शरीर के भीतर के विजातीय तत्वों को बाहर उलीचा और भरपूर मात्रा में प्राण वायु का ग्रहण कर मन को शांति और आनंद की अनुभूति कराई। योग के प्रति लोगों की ललक व उत्साह देखते बनता था। अनेक लोग पूरी तैयारी से सपरिवार शिविर में आए थे।
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शिविर सुबह छह बजे से शुरू हुआ। डा. पीयूष पाणि पांडेय के निर्देशन में योगासन व प्राणायाम के जरिये लोगों ने मन व शरीर की कसरत की। साथ ही शुद्ध हवा में सांस ली। लगभग एक घंटे बाद शिविर जब समाप्त हुआ तो लोगों के चेहरे पर गहरी शांति व आनंद अपनी गरिमा में उपस्थित था। योगासनों की शुरुआत कलाई संचालन से हुई।
इसके बाद कुहनी संचालन, ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन आदि व्यायाम कराए गए। इसके बाद लोगों ने खड़े होकर ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, त्रिकोणासन आदि तथा बैठकर मंडूकासन, शशाकासन व लेटकर उत्तानपादासन, अर्धपादासन, पवन मुक्तासन आदि का प्रयोग किया।
योगासनों के बाद प्राणायाम की प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें कपालभाति, नाड़ी शोधन, अनुलोम- विलोम, शीतली व भ्रामरी आदि के प्रयोग कराए गए। अंत में ऊं के सामूहिक उच्चारण व शांति पाठ से शिविर का समापन हुआ।