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Railway News: घर बैठे बुक हो जा रहे 80 से 85 प्रतिशत आरक्षित रेल टिकट

IRCTC की वेबसाइट से इस समय करीब 85 प्रतिशता टिकट बुक हो रहे हैं। गोरखपुर के आरक्षण काउंटर से प्रतिदिन 12 से 15 सौ लोग ही टिकट बुक कर रहे हैं। कोविड काल के पहले यह संख्या पांच हजार के आसपास थी।

By Jagran NewsEdited By: Pradeep SrivastavaPublished: Wed, 26 Oct 2022 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2022 10:11 AM (IST)
IRCTC की वेबसाइट से इस समय रेलवे के करीब 85 प्रतिशत टिकट बुक हो रहे हैं। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेलवे के 80 से 85 प्रतिशत आरक्षित टिकट घर बैठे बुक हो जा रहे। अधिकतर लोग मोबाइल से ही इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट से टिकट बुक कर ले रहे, तो कुछ अधिकृत एजेंट के माध्यम से। 15 से 20 प्रतिशत लोग ही काउंटर पहुंच रहे हैं। उनके हाथ भी सिर्फ वेटिंग टिकट ही आ रहा है।

आरक्षण काउंटरों पर पसरा सन्नाटा

आनलाइन टिकट बुक होने से रेलवे के आरक्षण काउंटरों पर सन्नाटा पसरने लगा है। गोरखपुर के आरक्षण काउंटर से प्रतिदिन 12 से 15 सौ लोग ही टिकट बुक कर रहे हैं। कोविड काल के पहले यह संख्या पांच हजार के आसपास थी। जानकारों का कहना है कि धीरे-धीरे यह संख्या भी लगभग समाप्त हो जाएगी। रेलवे प्रशासन ने जो काउंटर बचे हैं, उनमें भी जनभागीदारी बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है। आरक्षित टिकटों की मैनुअल बिक्री के लिए यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाइटीएसके) खोले जा रहे हैं। लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर और लखनऊ जंक्शन सहित 37 स्टेशनों के आसपास यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाइटीएसके) खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वाराणसी मंडल ने भी देवरिया, भटनी और बेल्थरारोड सहित 28 स्टेशनों पर वाइटीएसके के लिए निविदा आमंत्रित कर दिया है। आने वाले दिनों में आरक्षण टिकट काउंटर भी पूरी तरह निजी हाथों में चले जाएंगे।

जनरल को भी डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने की तैयारी तेज

आरक्षण के बाद जनरल टिकट के यात्रियों को भी पूरी तरह डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने की कवायद तेज हो गई है। लखनऊ मंडल प्रशासन ने अभियान चलाकर 60 हजार यात्रियों के मोबाइल पर यूटीएस एप रजिस्टर्ड किया है। लोगों को मोबाइल यूटीएस एप से जनरल टिकट बुक करने के लिए जागरूक करने के साथ उसकी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। आनलाइन के अलावा रेलवे प्रशासन ने जनरल टिकट काउंटरों को भी निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। स्टेशनों के काउंटरों पर टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) बैठने लगे हैं।


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