Jagran Dandiya Raas 2023: सायली के गीतों पर झूमी शाम, डांडिया रास से मचा धमाल; गोरखपुरवासियों ने खूब किया एंज्वॉय
गोरखपुर के सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में जागरण का डांडिया रास आयोजित हुआ। इस दौरान खुले आसमान के नीचे सतरंगी चकाचौंध में शाम जवां हो उठी। कार्यक्रम में गायिका सायली कांबले के गीतों पर शहरवासियों ने खूब एंज्वॉय किया। कपल्स देर रात तक धमाल मचाते रहे डांडिया पर रास रचाते रहे। एंकर कुहू के जोशीले अंदाज से उमंग व उल्लास को लेकर अपना हौसला बढ़ाते रहे।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 27 Oct 2023 07:57 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आधुनिकता संग परंपरा को सहेजने वाला साज है तो जुगलबंदी के लिए कर्णप्रिय सुरीली आवाज। मस्ती का आलम है और हर कोई भरपूर आनंद लेने को बेताब है। सुरीले गीतों पर किसी के होठ हिल रहे हैं तो किसी के पांव थिरक रहे हैं। चंद्रमा से उतर रही शीतलता को माहौल की गर्मी से चुनौती मिल रही तो खुले आसमान के नीचे सतरंगी चकाचौंध से रात जवां हो रही है। शहरवासियों के लिए यह उत्साह व उल्लास भरा माहौल लेकर आया दैनिक जागरण अपने डांडिया रास के जरिये।
देर रात तक धमाल मचाते रहे कपल्स
सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में आयोजित डांडिया रास में गायिका सायली कांबले के सुरीले गीतों पर कपल्स देर रात तक धमाल मचाते रहे, डांडिया पर रास रचाते रहे। एंकर कुहू के जोशीले अंदाज से उमंग व उल्लास को लेकर अपना हौसला बढ़ाते रहे। दैनिक जागरण एवं ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेल्स की ओर से प्रायोजित दैनिक जागरण डांडिया रास-2023 में मंच पर आए दोनों कलाकारों ने डांडिया की परंपरा को आधुनिकता के लिबास में सहेजकर कुछ इस तरह परोसा कि युवा जोड़ों से खचाखच भरा मैदान परंपरा व आधुनिकता की मिश्रित सुगंध से सुवासित हो उठा। सभी आयु वर्ग के लोगों ने भरपूर मजा लिया।
गीत के एक-एक बोल पर थिरकते लोगों के लिए मानो वक्त ठहर-सा गया था। लखनऊ के शकील रेयान और स्मिता स्काट ने ‘हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम’ और परदेसी आया माता रानी के भवन में से शुरुआत की। डांडिया लेकर महिलाएं मंच के सामने आ गईं और थिरकने लगीं। एक के बाद फिल्मी गीतों से सिलसिला बढ़ता गया और माहौल जमता गया। सायली मंच पर आईं तो लोगों का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
सायली ने सबसे बड़ा तेरा नाम... गीत को स्वर दिया तो पूरा मैदान झूमने लगा। मैं तो भूल चली बाबुल का देश... गाकर सायली ने समा बांध दिया। आधा है चंद्रमा, रात आधी... गीत को आवाज देकर सायली ने खुशनुमा रात को जवां कर दिया। अजीब दास्तां है ये कहां शुरू..., लग जा गले कि फिर हंसीं रात हो न हो...,
परदेशिया ये सच है पिया सब कहते हैं..., देखा न हाय रे सोचा न... सहित एक से बढ़कर एक गाने सुनाकर सायली ने गोरखपुरवासियों का दिल जीत लिया। देर रात तक साज, संगीत व डांडिया की महफिल पूरे जोशीले अंदाज में जमी रही। इस कार्यक्रम में बेस्ट कोरियोग्राफर, बेस्ट ड्रेस, बेस्ट कपल, बेस्ट सोलो, बेस्ट डांडिया चाइल्ड जैसे आकर्षक पुरस्कार भी जीतने का मौका मिला।
सभी फोटो- संगम दुबे/अभिनव राजन चतुर्वेदी
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- डांडिया हमारी सांस्कृतिक-धार्मिक विरासत है। इस तरह के आयोजन हमारी परंपरा को मजबूत करते हैं और गति देते हैं। दैनिक जागरण के कार्यक्रम में आकर अपनी सांस्कृतिक विरासत से रूबरू हुआ। अच्छा लगा। -चन्द्र वीर रमण, महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे
- दैनिक जागरण का यह कार्यक्रम काफी सफल रहा। इस तरह के आयोजन जागरण द्वारा समय-समय पर कराए जाते हैं। इससे छिपी हुईं प्रतिभाओं को एक बेहतर मंच मिलता है। यहां आकर काफी अच्छा लगा। -डा. गौरव ग्रोवर, एसएसपी
- परंपराओं को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए दैनिक जागरण सदैव प्रयासरत रहता है। इसी क्रम में यह आयोजन हमारी धार्मिक परंपरा को पुष्ट करता नजर आया। इसके लिए जागरण को साधुवाद। -पंकज सिंह, सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे
- दैनिक जागरण की ओर से आयोजित डांडिया का कार्यक्रम सराहनीय रहा। ऐसे आयोजनों से हमारी परंपरा को बढ़ावा मिलता है और प्रतिभाओं को निखरने का अवसर। -डा. मंगलेश श्रीवास्तव, महापौर
- डांडिया का महत्व नवरात्र से जुड़ा है। इससे हमारी सांस्कृतिक परंपरा परिलक्षित होती है। जनमानस को उसकी जड़ों से जोड़ने के लिए ऐसे आयोजन जरूरी हैं। -डा. शिव शंकर शाही, निदेशक, शाही ग्लोबल हास्पिटल
क्या बोलीं महिलाएं
- गोरखपुर में दैनिक जागरण डांडिया कार्यक्रम कराकर बड़ा मंच तैयार कर रहा है। यहां आने पर बहुत खुशी मिलती है। मैंने दूसरों के साथ डांडिया किया। मधु दीक्षित, राजेंद्र नगर
- पूर्वांचल में भी डांडिया का क्रेज बढ़ा है। ऐसे में दैनिक जागरण इसका आयोजन कराकर इसे बढ़ावा दे रहा है। इसमें शामिल होकर बहुत अच्छा लगता है। सरिता यादव, इंदिरानगर
- डांडिया कार्यक्रम में पहली बार आई हूं। यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा। अन्य महिलाओं के साथ डांडिया नृत्य करने में बहुत आनंद आया। सरोज सिंह, तारामंडल
- दैनिक जागरण के डांडिया कार्यक्रम में दूसरी बार आकर बहुत अच्छा लगा है। कोरोना काल से पहले एक बार इस कार्यक्रम में शामिल हुई थी। ज्योति मिश्रा, इंजीनियरिंग कालेज