UP News: वैज्ञानिक सबूतों के दम पर दरिंदे को मिली सजा, पांच गवाहों के मुकरने के बाद भी मिला इंसाफ
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक साल पहले एक मासूम बच्ची के साथ हैवानियत करने वाले दरिंदे को सजा मिली है। कोर्ट ने वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर आरोपी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि इस केस में पांच गवाह मुकर गए थे लेकिन वैज्ञानिक सबूतों की वजह से आरोपी बच नहीं सका।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एक वर्ष पहले बच्ची के साथ पड़ोसी ने हैवानियत कर मानवता को शर्मसार किया था। दरवाजे पर खेल रही बच्ची को चाकलेट दिलाने के बहाने वह अपने घर ले गया था। आरोपित को सजा दिलाने की मांग को लेकर स्वजन व मोहल्ले के लोग सड़क पर उतरे। धरने-प्रदर्शन किए गए।
चौतरफा दबाव के बीच पुलिस अधिकारियों व चिलुआताल थाना पुलिस ने इस मामले में पूरी ताकत लगाई। 24 घंटे के भीतर आरोपित को दबोच कर जेल भेजने के साथ ही डीएनए जांच कराई। कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल हुआ तो सजा दिलाने के लिए मुखर आवाज उठाने वाले पांच गवाह मुकर गए।
शनिवार को इस मामले में अपर जिला जज (विशेष जज पाक्सो एक्ट) राहुल आनंद ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त कृष्णा उर्फ कन्हैया को वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
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घटना 22 अक्टूबर, 2023 को चिलुआताल थानाक्षेत्र के एक गांव में छह साल की बच्ची संग दुष्कर्म की सूचना उसकी मां ने पुलिस को दी। पड़ोस में रहने वाला कृष्णा उर्फ कन्हैया चाकलेट दिलाने के बहाने बच्ची को अपने साथ ले गया था। दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चिलुआताल थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
इसकी विवेचना दरोगा शैलेंद्र कुमार ने की। पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाया। डीएनए का सैंपल लैब में भेजकर प्रक्रिया पूरी की। वहां से रिपोर्ट आने पर 11 दिन के भीतर ही विवेचक ने 11 नवंबर, 2023 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमे का विचारण शुरू हुआ तो पांच गवाह टूट गए।उन्होंने घटना में अभियुक्त के शामिल होने से इंकार कर दिया। लेकिन, वैज्ञानिक साक्ष्य होने की वजह से अभियुक्त बच नहीं सका। इस केस की पैरवी करने में एडीजीसी राघवेन्द्र त्रिपाठी, इंस्पेक्टर अतुल कुमार श्रीवास्तव, विवेचक शैलेन्द्र कुमार, न्यायालय पैरोकार रामआशीष गौड़ ने की।
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