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UP News: गोरखपुर विश्वविद्यालय में कानूनगो की तबीयत बिगड़ी, लोकसभा चुनाव में लगी थी ड्यूटी, घरवालों ने लगाया हैरान करने वाला आरोप

गोरखपुर विश्वविद्यालय के डेलीगेसी में चुनाव संबंधी तैयारियां चल रहीं है। रात करीब 10 बजे के करीब कानूनगो अवधेश अचानक बेहोश हो गए। साथ काम कर रहे कर्मचारी आनन फानन उन्हें जिला अस्पताल ले गए लेकिन डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत की सूचना पाकर घरवालों के साथ ही तहसीलदार विकास सिंह समेत कई तहसील व कलेक्ट्रेट के कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Sat, 18 May 2024 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2024 09:57 AM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय के डेलीगेसी में ड्यूटी के दौरान रजिस्ट्रार कानूनगो की मौत के बाद जिला अस्पताल की इमरजेंसी लगी भीड़lजागरण

 जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सदर तहसील में तैनात शहर के दिग्विजयनाथ नगर निवासी कानूनगो अवधेश श्रीवास्तव की शुक्रवार की रात गोरखपुर विश्वविद्यालय में अचानक तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गई। घरवालों का आरोप है की चुनाव में ड्यूटी लगने से उनपर अतिरिक्त कार्य का दबाव बढ़ गया था।

वहीं जिला प्रशासन का दावा है कि अवधेश की चुनाव में ड्यूटी ही नही लगाई गई थी। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी बीमारी से ग्रसित थे। सप्ताह में दो बार डायलिसिस हो रही थी। हालांकि बीमारी की बात घरवाले भी स्वीकार रहे हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के डेलीगेसी में चुनाव संबंधी तैयारियां चल रहीं है।

रात करीब 10 बजे के करीब कानूनगो अवधेश अचानक बेहोश हो गए। साथ काम कर रहे कर्मचारी आनन फानन उन्हें जिला अस्पताल ले गए, लेकिन डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत की सूचना पाकर घरवालों के साथ ही तहसीलदार विकास सिंह समेत कई तहसील व कलेक्ट्रेट के कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए।

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अवधेश के छोटे बेटे अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे। डायलिसिस भी चल रही थी। बावजूद इसके चुनाव में उनसे अतिरिक्त काम लिया जा रहा था। गुरुवार को भी वह रात दो बजे घर पहुंचे थे। आज भी शाम 7 बजे के करीब उनका फोन आया था की आज भी घर आने में रात के एक बज जाएंगे।

उधर उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीत सिंह के मुताबिक सदर तहसील में कानूनगो पद पर कार्यरत अवधेश रात को 9 बजे के करीब खाना खाने के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय के डेलीगेसी में आए थे, जहां चुनाव संबंधी तैयारी चल रही थी। वह अचानक बेहोश हो गए।

कर्मचारियों ने उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने मृत बताया। उन्होंने बताया की वह पिछले करीब सात साल से किडनी से जुड़ी बीमारी से ग्रसित थे। हर सप्ताह दो से तीन बार उनकी डायलिसिस होती थी।

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एडीएम ने बताया कि चुनाव में उनकी ड्यूटी नही लगाई गई थी न ही प्रशासन की ओर से ही किसी कार्य के लिए उन्हें बुलाया गया था। वह वहां क्यों आए थे, इसकी भी जानकारी नही है। उनकी बीमारी को देखते हुए तहसील में भी उनसे कोई विशेष कार्य नहीं लेता था। अवधेश के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।

दोनों की शादी हो चुकी है। एक बिटिया है, उसकी भी शादी पहले ही हो चुकी है। बेटे अनुराग के मुताबिक अवधेश ढाई महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनके मौत की खबर से पूरे कलेक्ट्रेट और तहसील कर्मचारियों में शोक है।


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