KC Joshi News: घूसखोरी का मामला- रिटायरमेंट के ठीक पहले लग सकता है झटका, सीबीआई शिकंजे के चलते नौकरी पर खतरा!
तीन लाख रुपये रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़े गए पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी सीबीआई कोर्ट-टू की मंजूरी के बाद हिरासत में (रिमांड) आने के 24 घंटे पूरा होते ही निलंबित हो गए। जोशी की पिछले साल ही पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय में पीसीएमएम के पद पर तैनाती हुई थी। अगले साल वह सेवानिवृत्त भी होने वाले हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 16 Sep 2023 04:05 AM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता: तीन लाख रुपये रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़े गए पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी सीबीआई कोर्ट-टू की मंजूरी के बाद हिरासत में (रिमांड) आने के 24 घंटे पूरा होते ही निलंबित हो गए। जोशी की पिछले साल ही पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय में पीसीएमएम के पद पर तैनाती हुई थी। अगले साल वह सेवानिवृत्त भी होने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि सीबीआई की कार्रवाई के बाद उनकी नौकरी भी जा सकती है।
पीसीएमएम 1988 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विसेज (आईआरएसएस) अधिकारी हैं। रेलवे के नियमों की मानें तो न्यायिक हिरासत में जाने के बाद 24 से 48 घंटे में रेलकर्मी स्वत: निलंबित हो जाता है। पीसीएमएम के साथ ही ऐसा ही हुआ है। इस कार्रवाई के बाद विभाग के अधिकारी सहमे हुए हैं। इस प्रकरण में चार और अधिकारियों का नाम उछलने के बाद डर और बढ़ गया है। कुछ अधिकारी तो छुट्टी लेकर गायब हो गए हैं।
गोपनीय सहायक संभाल रहे स्क्रैप की जिम्मेदारी
पूर्वोत्तर रेलवे के सामग्री प्रबंधन विभाग में अधिकारियों की मनमानी जारी है। डिप्टी और सीनियर स्केल के अधिकारी मनमाने ढंग से कार्यालय को संचालित कर रहे हैं। गोरखपुर हो या वाराणसी स्टोर डिपो, जांच में हर जगह अनियमितता सामने आ रही है। जेम पोर्टल पर ऑनलाइन सिस्टम होने के बाद भी अधिकारी नजदीकी फर्मों को ही टेंडर दे रहे हैं और बदले में मोटी कमाई कर रहे हैं। वाराणसी स्थित स्टोर डिपो में तो स्क्रैप की बिक्री से लगायत लाटिंग आदि की जिम्मेदारी गोपनीय सहायक संभाल रहे हैं।
उप मुख्य सामग्री प्रबंधक ने अपने गोपनीय सहायक को ही स्क्रैप की जिम्मेदारी दे दी है, जबकि स्क्रैप के लिए नामित अन्य क्लर्क और सुपरवाइजर दूसरा कार्य देख रहे हैं। पीसीएमएम की गिरफ्तारी के बाद यह साबित हो गया है कि रेलवे में भ्रष्टाचार की जड़े गहरे तक जमी हुई हैं।
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