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Gonda Train Accident: गोंडा रेल हादसे से पहले लाइन में तकनीकी गड़बड़ी बताने वाला कीमैन बर्खास्त, रेल आवास वापस करने का निर्देश

गोंडा ट्रेन हादसे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हादसा रेल लाइन में खामी के कारण हुआ था। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने 50 दिनों की गहन जांच के बाद यह रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में इंजीनियरिंग विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि ट्रैक में गड़बड़ी थी। साथ ही परिचालन विभाग को भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 14 Sep 2024 07:33 AM (IST)
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गोंडा ट्रेन हादसे से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। जागरण
 जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोंडा ट्रेन हादसे से पहले ही जूनियर इंजीनियर को मोतीगंज-झिलाहीं स्टेशन के बीच रेल लाइन में तकनीकी गड़बड़ी बताना रेलवे के कीमैन को भारी पड़ गया है। इंटरनेट मीडिया पर कीमैन और जूनियर इंजीनियर के बीच बातचीत का आडियो प्रसारित होने से खार खाए रेलवे प्रशासन ने कीमैन आसने को बर्खास्त कर दिया। साथ ही सभी रेल संपत्ति और रेल आवास वापस करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

कीमैन की बर्खास्तगी को लेकर कर्मचारी संगठनों में रोष है।वरिष्ठ सहायक मंडल इंजीनियर, पूर्व-गोंडा ने रेल कर्मचारी (अनुशासन और अपील) नियम, 1968 का हवाला देते हुए शुक्रवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पीवे) मनकापुर के अधीन कार्यरत ट्रैकमेंटेनर-सेकेंड (कीमैन) आसने के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।

कीमैन को रेल सेवा में बनाए रखने को अवांछनीय मानते हुए सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव कर 15 दिन के अंदर प्रस्तुत होने के लिए निर्देशित किया है। लेकिन, इसी दिन वरिष्ठ सहायक मंडल इंजीनियर, पूर्व- गोंडा ने कीमैन को तत्काल प्रभाव से रेल सेवा से बर्खास्त (डिसमिस) करने का आदेश जारी कर दिया। कीमैन अपना पक्ष रखने का भी मौका नहीं दिया।

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आरोप है कि कीमैन 18 जुलाई 2024 को झिलाही-मोतीगज के बीच कार्यरत थे। उसी दिन झिलाही मोतीगंज के बीच गाडी संख्या 15804 डाउन का अवपथन (रेल ट्रैक से उतरना) हो गया। इसके बाद कीमैन ने बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति से मीडिया और इंटरनेट मीडिया में अपना वक्तव्य प्रसारित किया, जो अशोभनीय कृत्य है।

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के संरक्षक सुभाष दूबे ने आरोप लगाया है कि इंजीनियर व अधिकारी ने कीमैन की बातों पर ध्यान दिया होता तो ट्रेन दुर्घटना नहीं होती। अधिकारियों ने अपनी कमी छिपाने के लिए कीमैन के खिलाफ कार्रवाई की है। खजनी तहसील के रहने वाले आसने की पत्नी सरस्वती देवी ने चिट्ठी लिख पति की नौकरी को बचाने की गुहार लगाई है।

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प्राथमिक जांच रिपोर्ट में इंजीनियरिंग विभाग कठघरे में रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट में इंजीनियरिंग विभाग को कठघरे में खड़ा किया है। रिपोर्ट में ट्रैक में गड़बड़ी होने की बात स्वीकार की गई है। साथ ही परिचालन विभाग को भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि पास वाले स्टेशन मास्टर ने भी ट्रेनों को कासन (नियंत्रण में) लेने में तत्परता नहीं दिखाई। दैनिक जागरण ने 11 सितंबर के अंक में प्राथमिक जांच रिपोर्ट के साथ ... तो शायद बच जाती गोंडा ट्रेन दुर्घटना शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

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