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जानिए, कौन हैं प्रो. विनय पांडेय- यही कराएंगे अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास व पूजन

यूपी के कुशीनगर जिले के रहने वाले प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास कराएंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 06:49 PM (IST)
जानिए, कौन हैं प्रो. विनय पांडेय- यही कराएंगे अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास व पूजन
गोरखपुर, जेएनएन। पांच अगस्त 2020 को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले श्रीराम मंदिर शिलान्यास पूजन का कार्य बुद्ध की धरती कुशीनगर के प्रो. विनय कुमार पांडेय कराएंगे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में उनकी अगुवाई में तीन सदस्यीय आचार्य दल पूजन कार्य की तैयारियों में जुटा है। आचार्य दल में प्रो. रामचन्द्र पांडेय व प्रो. रामनरायन द्विवेदी शामिल हैं। 

गोपनीय है शिलान्यास का समय, तीन घंटे तक होगा पूजन

दूरभाष पर हुई बातचीत में शुभ मुहूर्त का समय गोपनीय बताते हुए प्रो. विनय ने बताया कि पूजन कार्यक्रम तीन घंटे तक निर्वाध चलेगा। प्रो. विनय को मिले ऐतिहासिक महत्व के इस दायित्व से गांव में हर्ष का माहौल है। परिवार के सदस्य खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं।

बीएचयू में ज्योतिष शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष हैं प्रो विनय

विनय पांडेय वर्तमान में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। साथ ही काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री भी है। संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी पर समान रूप से अधिकार रखने वाले प्रो. विनय की ज्योतिष, वास्तु व कर्मकांड पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 14 व राष्ट्रीय स्तर पर 40 शोध पत्र व सात पुस्तकें प्रकाशित चुकी हैं। पूर्व में भी वह प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण अनुष्ठान पूजन के कार्यक्रमों में शरीक होते रहे हैं।

कुशीनगर के विशुनपुरा के रहने वाले हैं प्रो पांडेय

कुशीनगर जिले के पडरौना ब्लाक के विशुनपुरा गांव में किसान रामदेव पांडेय के घर 20 नवंबर 1979 को जन्मे विनय चार भाइयों में ज्येष्ठ हैं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में हुई। पूर्व माध्यमिक की शिक्षा कठकुइया के सरस्वती शिशु मंदिर में प्राप्त करने के बाद हाईस्कूल व इंटरमीडियट की परीक्षा गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय गोरखपुर में हुई। उच्च अध्ययन के लिए बनारस हिन्दू  विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।

श्रीराम की अनुकंपा से मिला यह दायित्व

रामजन्मभूमि राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय महत्व का विषय है। भगवान राम सनातन संस्कृति के आराध्य हैं। उनकी जन्मभूमि अयोध्या सनातन संस्कृति की धरोहर है। जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर की स्थापना के पूर्व प्रधानमंत्री जी के हाथों शिलान्यास पूजन कर लौकिक, परलौकिक जीवन धन्य हो जाएगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की अनुकंपा से ही मुझे यह सौभाग्य मिल रहा है।

- प्रो. विनय कुमार पांडेय, विभागाध्यक्ष ज्योतिष शास्त्र विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी

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