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Gorakhpur: दो हजार घूस न मिलने पर लाइनमैन ने काटा बिजली का कनेक्शन, एक्सईएन, एसडीओ और जेई निलंबित

Gorakhpur Crime News गोरखपुर शहर में दो हजार रुपये घूस न मिलने पर आइसीआइसीआइ बैंक का कनेक्शन काटने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की नाराजगी के बाद एमडी ने निलंबन की कार्रवाई की है। मुख्य अभियंता की रिपोर्ट पर तीन संविदाकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए सभी को कार्यमुक्त कर दिया गया। यहां पढ़िए पूरा मामला...

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 18 Sep 2023 09:14 AM (IST)
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घूस के लिए कनेक्शन काटने के मामले में एक्सईएन, एसडीओ और जेई निलंबित। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दो हजार रुपये घूस न मिलने से नाराज लाइनमैनों ने बैंक का कनेक्शन काट दिया। मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) शंभू कुमार ने मोहद्दीपुर खंड के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) वीके चौधरी, उपखंड अधिकारी (एसडीओ) नीरज दुबे और अवर अभियंता (जेई) वीरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है। अधीक्षण अभियंता शहर लोकेंद्र बहादुर सिंह को आरोपपत्र दिया गया है। मुख्य अभियंता आशु कालिया की रिपोर्ट के बाद तीन संविदाकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में कैंट थाने में एफआइआर दर्ज कराते हुए सभी को कार्यमुक्त कर दिया गया है।

यह है पूरा मामला

दैनिक जागरण ने रविवार को कनेक्शन काटने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। मोहद्दीपुर में आइसीआइसीआइ बैंक ने नई शाखा खोली है। भवन स्वामी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने 15 किलोवाट क्षमता के वाणिज्यिक बिजली कनेक्शन के लिए 11 जुलाई को आनलाइन आवेदन किया था। सात दिन बाद 18 जुलाई को कनेक्शन को स्वीकृति दे दी गई। 29 अगस्त को 20 हजार 848 रुपये शुल्क जमा हुआ। 14 सितंबर को परीक्षण खंड से कर्मचारी मीटर लगाने आया।

500 रुपये देने के बाद भी काट दिया कनेक्शन

मीटर लगने के साथ कनेक्शन जोड़ने के लिए प्रमोद श्रीवास्तव ने मोहद्दीपुर उपकेंद्र पर संपर्क किया। वहां से तीन संविदाकर्मी पहुंचे। मीटर लगाने के बाद उन्होंने कनेक्शन जोड़ा। आरोप है कि तीनों ने दो हजार रुपये घूस की मांग की। बैंककर्मियों ने अपने पास से पांच सौ रुपये दिए और जलपान कराया, लेकिन वह तीनों अड़े रहे। इतना ही नहीं नकद रुपये न होने पर बैंक खाते में रुपये भेजने का दबाव बनाने लगे। कनेक्शन जुड़ने के आधे घंटे के बाद बाकी 15 सौ रुपये नहीं मिले तो एक संविदाकर्मी पोल पर चढ़ गया और कनेक्शन काट दिया। बाद में लाइनमैनों ने कनेक्शन जोड़ दिया लेकिन तब तक बैंककर्मियों ने इसका वीडियो बनाकर अभियंताओं को भेज दिया। मुख्य अभियंता ने कनेक्शन देने में देर को लापरवाही मानते हुए एक्सईएन, एसडीओ और जेई के निलंबन की संस्तुति की।

निलंबित जेई ने इनके खिलाफ दर्ज कराया FIR

निलंबित जेई वीरेंद्र कुमार ने कैंट थाने में झंगहा थाना के रामपुर शिव मंदिर टोला निवासी संविदाकर्मी रामानंद, चिलुआताल थाना क्षेत्र के गुरुनगर जगतबेला निवासी बालकृष्ण और बलरामपुर जिले के परसिया अचलपुर निवासी वेद प्रकाश पांडेय के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है।

निलंबन का यह है कारण, यहां संबद्ध

वीके चौधरी - पर्यवेक्षणीय, कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहन न करना, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी के प्रबंध निदेशक कार्यालय से संबद्ध किए गए

नीरज दुबे - पर्यवेक्षणीय, कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहन न करना, मुख्य अभियंता वितरण कार्यालय बस्ती से संबद्ध किए गए

वीरेंद्र कुमार- पर्यवेक्षणीय, कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहन न करना, मुख्य अभियंता वितरण कार्यालय आजमगढ़ से संबद्ध किए गए

लोकेंद्र बहादुर सिंह - अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण न रखने, पर्यवेक्षणीय उत्तरदायित्वों के निर्वहन में लापरवाही व शिथिलता बरतना, आरोपपत्र दिया गया।

अब तक तीन अभियंता हो चुके हैं निलंबित

वर्ष 2019 में गोलघर में भूमिगत केबल बिछाने का काम चल रहा था। काम की गुणवत्ता ठीक न होने की शिकायत पर विधायक डा. राधा मोहनदास अग्रवाल ने खुद जांच की थी। तीन जुलाई को पुर्दिलपुर में विधायक ने जांच की तो भ्रष्टाचार सामने आया। तत्कालीन डीएम के विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर काम कराने वाली संस्था मेसर्स एसटी इलेक्ट्रिकल्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही उसे काली सूची में डाल दिया गया था। साथ ही टाउनहाल खंड के एक्सईएन एके सिंह, गोलघर के एसडीओ प्रत्युष बल्लभ और गोलघर के जेई एके चौधरी को निलंबित कर दिया गया था। काम 30 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा था। उस समय भी अभियंताओं को अलग-अलग स्थानों पर संबद्ध किया गया था।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने कहा कि मोहद्दीपुर के तीनों अभियंताओं ने अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं किया। तीन संविदाकर्मियों को सेवा से हटाते हुए एफआइआर दर्ज कराई गई है।

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