Taste of Gorakhpur: पिज्जा-मोमो ही नहीं लिट्टी-चोखा भी लोगों के दिलों पर कर रहा राज, यहां मिलेगा असली स्वाद
पिज्जा मोमो के राज में यदि किसी परंपरागत खाद्य पदार्थ की लोकप्रियता बरकरार है तो वह है लिट्टी-चोखा। गोरखपुर में मौजूद सैकड़ों दुकानों पर पूरे दिन ग्राहकों की कतार इस बात का प्रमाण है कि फास्ट-फूड के राज में भी परंपरागत खाना खाने वालों की काफी संख्या है। यही वजह है कि अब दुकानों पर ही नहीं इसे आनलाइन भी लोग आर्डर कर रहे हैं।
By Pragati ChandEdited By: Pragati ChandUpdated: Thu, 20 Jul 2023 03:42 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बीते कुछ वर्षों में फास्ट-फूड के बढ़े चलन के चलते खानपान में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। पिज्जा, मोमो, चाऊमीन, मैगी जैसे फास्टफूड तो बहुत से घरों में भोजन का विकल्प बन गए हैं। बदलाव के दौर में अगर किसी परंपरागत खाद्य पदार्थ ने अपनी पैठ बनाए रखी है तो वह है लिट्टी-चोखा। शहर के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर लिट्टी-चोखा की 100 से अधिक स्थायी और अस्थायी दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ बदलाव के दौर में भी उसकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
हर वर्ग के लोगों की पसंद है लिट्टी- चोखा
ठेठ देसी अंदाज के लिट्टी-चोखा को पसंद करने वाले लोगों में हर वर्ग के लोग हैं। स्थायी व अस्थायी दुकानों के सामने साइकिल से लेकर कार तक की कतार इसकी बानगी है। इतना ही नहीं अब तो इसकी आनलाइन सप्लाई भी हो रही है। पिज्जा-मोमो की तरह यह भी आनलाइन डिमांड पर स्वीगी और जोमैटो के जरिये लोगों के घर तक पहुंच रहा है।
दिनभर में 400 लोग पहुंचते हैं विवि रोड की दुकान पर
विश्वविद्यालय रोड पर लिट्टी-चोखा की दुकान चलाने वाले अखिलेश जायसवाल बताते हैं कि उनकी दुकान पर हर दिन 400 से अधिक लोग पहुंचते हैं। 100 से अधिक आर्डर उन्हें आनलाइन सप्लाई का भी मिलता है। वह बताते हैं कि लिट्टी-चोखा के साथ बहुत से ग्राहक दालफ्राई व चावल की डिमांड भी करते हैं, ऐसे में उन्होंने अपना मेन्यू इससे भी समृद्ध कर लिया है।डीडीयू के विद्यार्थियों का लोकप्रिय खाना है लिट्टी- चोखा
विश्वविद्यालय के सामने अस्थायी दुकान लगाने वाले नीरज जायसवाल का कहना है कि उनके लिट्टी-चोखा पर तो विश्वविद्यालय के बहुत से विद्यार्थियों और कर्मचारियों का दिन का भोजन निर्भर हो गया है। बहुत से लोग तो खाने के साथ अपने घर के लिए पैक कराकर भी ले जाते हैं। मांग इतनी है कि कई बार पूरी नहीं हो पाती। कच्चा माल खत्म हो जाता है, लेकिन ग्राहकों के आने का सिलसिला नहीं थमता।
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