Lok Sabha Election 2024 की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अलर्ट, नेपाल व बिहार के जिलों का जुटी रही रिकार्ड
Lok Sabha elections 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दलों में सियासी हलचल है वहीं चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस भी अलर्ट मोड में है। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था का पत्र आने के बाद यूपी से सटे जिलों व थानों का रिकार्ड जुटाया जा रहा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की 550 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगती है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 16 Sep 2023 01:16 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश से सटे नेपाल, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड व छत्तीसगढ़ के जिले व थानों का रिकार्ड जुटाया जा रहा है। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के निर्देश पर सभी जिले के कप्तान तैयारी में जुटे हैं। अंतरराष्ट्रीय, अंतरराज्यीय सीमा से सटे जिले के साथ थानों का सीयूजी नंबर समेत 10 बिंदुओं पर सूचना जुटाई जा रही है।
दोनों देशों के ज्यादातर लोग आवाजाही के लिए पगडंडी का करते हैं इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश की 550 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगती है। एक देश से दूसरे देश में आने-जाने के लिए प्रमुख स्थानों पर आधिकारिक प्रवेश द्वार बने हैं लेकिन खुली सीमा होने से दोनों देशों के ज्यादातर लोग आवाजाही के लिए पगडंडी का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस व खुफिया एजेंसी ने 1800 से अधिक पगडंडी अभी तक चिह्नित किए हैं। सुरक्षा के लिहाज से यही पगडंडियां पुलिस व अन्य एजेंसियों के लिए चुनौती साबित होती रही हैं। खासकर चुनाव के समय राष्ट्रविरोधी तत्वों के मतदान प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए इन पगडंडियों से देश में प्रवेश करने की आशंका हमेशा बनी रहती है, इसीलिए सतर्कता बढ़ गई है।
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नेपाल से लगती है प्रदेश के इन जिलों की सीमा
महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखीमपुर और पीलीभीत जिले की सीमा नेपाल से लगती है। आपरेशन कवच शुरू होने के बाद एसएसबी के साथ स्थानीय थाने की पुलिस भी नेपाल सीमा पर गश्त करती है। लेकिन चुनाव के दौरान अतिरिक्त फोर्स लगाई जाएगी।
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पूछा गया किस जिले में है कितनी फोर्स
लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे पुलिस के अधिकारी यह भी जानकारी जुटा रहे हैं कि किस जिले में कितनी फोर्स है। कौन कितने समय से तैनात है। माना जा रहा है कि सूची तैयार होने के बाद जिले में जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है उन्हें अधिसूचना लागू होने से पहले ही दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाएगा।
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