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यहां बरसती है ममता, बिन मां के बच्चे भी पाते हैं माता का दूध

यहां नवजातों को अनेक माताओं का वात्सल्य मिल गया है। स्तनपान से मां के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ में मदद मिलती है। बच्चे को भरपूर पोषक तत्व मिल जाते हैं जो वायरस व बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। मां में हृदय रोग व मधुमेह का खतरा कम हो जाता है। बच्चेदानी अंडेदानी व स्तन कैंसर समेत अनेक प्रकार के कैंसर की आशंका न्यून हो जाती है।

By Gajadhar Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 01 Aug 2024 12:23 PM (IST)
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दूध निकलवाने के बाद धात्री मिल्क बैंक की समन्वयक नीलम सिंह को दूध दान करतीं पुष्पा दास। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में इस माह दो ऐसे नवजात भर्ती किए गए, जिनकी मां का साया सिर से उठ चुका है। भले मां न हो, लेकिन उन्हें अनेक माताओं का वात्सल्य मिला। धात्री अमृत निधि कोष (धात्री मदर्स मिल्क बैंक) में माताएं दूध दान कर रही हैं, जिससे ऐसे बच्चों को भी दूध मिल रहा है, जिनकी माता की मृत्यु हो चुकी है अथवा वे लावारिस हैं।

इस माह भर्ती दाे मासूमों में से एक स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गया है। दूसरा भर्ती है, उसका उपचार चल रहा है। सितंबर 2023 से अब तक ऐसे नौ नवजातों को धात्री माताओं ने अपना दूध दान कर नवजीवन दिया है। इस मिल्क बैंक में अब तक 2369 माताओं ने लगभग 332 लीटर दूध निकलवाया है। इसमें से 79 लीटर दान किया है। शेष अपने बच्चे के लिए ले गई हैं। कुल 1044 बच्चों काे मिल्क बैंक के जरिये दूध उपलब्ध कराया गया है।

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धात्री अमृत निधि कोष में वे माताएं भी अपना दूध निकलवाने पहुंचती हैं, जिनका बच्चा सीधे स्तन से दूध नहीं पी पाता है। वे अपने बच्चे लिए दूध निकलवाने के साथ ही दूसरे बच्चों के लिए भी दूध दान करती हैं। विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई में स्टाफ नर्स पुष्पादास एक माह से रोज 200 से 250 मिलीलीटर दूध दान कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि 2019 में मैंने एक बेबी को जन्म दिया। पहला प्रसव था। इसलिए चार-पांच दिन तक दूध नहीं उतरा था। मैं दूध के लिए अन्य माताओं से मदद मांगती थी लेकिन मदद नहीं मिलती थी। चार-पांच दिन बाद जब दूध उतरा तो मेरे बच्चे को मां का दूध मिला। जब दूसरे बच्चे को मैंने जन्म दिया तो पर्याप्त दूध हो रहा है।

इसलिए सोचा कि इसे दान कर दिया जाए, ताकि जरूरतमंद बच्चों को दूध मिल सके। दूध दान से बच्चों को मां का दूध उपलब्ध होने लगा है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।

स्तनपान से ये हैं फायदे

बीआरडी मेडिकल कालेज की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डा. वाणी आदित्य ने बताया कि स्तनपान से सबसे पहला फायदा यह है कि मां का बच्चे से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है। दूध पिलाने के लिए उसे सीने से लगाना पड़ता है, इसलिए बच्चे का तापमान भी संतुलित होता है। 

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दूध दान 2023

माह दान किया दूध (लीटर में)

सितंबर- 07

अक्टूबर- 06

नवंबर- 10

दिसंबर- 05

2024

जनवरी- 06

फरवरी- 08

मार्च- 08

अप्रैल- 07

मई- 12

जून- 10

बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डा. भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि धीरे-धीरे धात्री माताओं में दूध दान के प्रति जागरूकता आ रही है। अब हर माह मिल्क बैंक में 25-30 लीटर दूध निकाला जा रहा है। ज्यादातर दूध तो माताएं अपने बच्चे के लिए ले जाती हैं, लेकिन वे दान भी कर रही हैं। प्रतिमाह 10-12 लीटर दूध दान में मिलने लगा है। वह दृूध लावारिस या जिनकी मां की मृत्यु हो चुकी है, उन बच्चों को दिया जा रहा है।

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