LPG Gas Safety Tips: गैस सिलेंडर को लेकर यह गलती पड़ सकती है भारी, थोड़ी सी बरती लापरवाही, बन जाएगा 'बम'
LPG Gas Safety Tips पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारी कहते हैं कि सावधानी और पांच वर्ष में अनिवार्य सुरक्षा जांच सभी कराते तो रिसाव या अन्य किसी तरह की गड़बड़ी का समय से पता चल जाता पर ज्यादातर उपभोक्ता ऐसा नहीं कर रहे हैं। थोड़े से रुपये बचाने के लिए ऐसा किया जाता है। जांच जरूर करा लेनी चाहिए। हाल ही में देवरिया में सिलेंडर से बड़ी घटना हुई है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। UP News / LPG Safety Tips / LPG Gas Cylinder शाहपुर थाना क्षेत्र में एक घर के किचेन में रसोई गैस का रिसाव हो रहा था। कई दिनों से हल्की-हल्की गैस निकल रही थी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा था। एक दिन किचेन का दरवाजा बंद हो गया था। परिवार की महिला चाय बनाने पहुंची।
दरवाजा के साथ चूल्हे की नाब खोलकर जैसे ही माचिस की तीली जलाई पूरे किचेन में आग लग गई। महिला बुरी तरह झुलस गईं। आसपास के लोगों ने किसी तरह सिलेंडर को बाहर कर पानी से भीगे कंबल से आग बुझाई। बाद में महिला की मृत्य हो गई, घर में बहुत नुकसान हुआ।
रसोई गैस सिलेंडर से गैस का रिसाव हर बार बड़ी घटना का कारण बन जाता है। पिछले दिनों देवरिया जिले में रिसाव के कारण सिलेंडर में आग लगी और विस्फोट से आग इतनी तेजी से फैली की महिला के साथ ही घर में सो रहे तीन बच्चों को भी भागने का मौका नहीं मिला।
पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारी कहते हैं कि, 'सावधानी और पांच वर्ष में अनिवार्य सुरक्षा जांच सभी कराते तो रिसाव या अन्य किसी तरह की गड़बड़ी का समय से पता चल जाता पर ज्यादातर उपभोक्ता ऐसा नहीं कर रहे हैं। थोड़े से रुपये बचाने के लिए ऐसा किया जाता है। जांच जरूर करा लेनी चाहिए।'
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यह है नियमजिस एजेंसी से रसोई गैस कनेक्शन है, उसका कर्मचारी पांच वर्ष में बार कनेक्शन की जांच करेगा। इसके लिए 236 रुपये जमा करने होंगे। कर्मचारी तकरीबन 60 बिंदुओं पर आधारित प्रोफार्मा भरेगा और किचेन में रसोई गैस चूल्हा, सिलेंडर व पाइप की जांच करेगा। कर्मचारी यह भी देखेगा कि सिलेंडर व चूल्हा से बिजली के साकेट कितनी दूरी पर हैं। किचेन में फ्रिज नहीं रखना चाहिए लेकिन ज्यादातर लोगों के घर के किचेन में ही फ्रिज रख दिया जाता है।
कंपनियों का मानना है कि पाइप पांच वर्ष में एक बार जरूर बदलवा लेना चाहिए। इसके अलावा रेग्युलेटर, सिलेंडर के बंक (सिलेंडर के ऊपर कहा हिस्सा जिसमें रेग्युलेटर बैठाया जाता है), बंक के अंदर के सेफ्टी वाल्ब, रेग्युलेटर की पिन की जांच करानी चाहिए।सबसे बड़ी सावधानी महक आते ही सतर्क हो जाएंआयल कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि रसोई गैस की महक सबको पता चल जाती है। यानी सिलेंडर सतर्क करता है कि गड़बड़ी कहीं न कहीं है। महक आने पर जांच जरूर कराएंगे।
इसे भी पढ़ें- औसत से ठंडा रहा मार्च, अप्रैल में सताएगी गर्मी; 10 दिन रहेगा हॉट डेबार-बार निकालते पाइप, यह भी बड़ी वजहसिलेंडर को रेग्युलेटर के माध्यम से चूल्हे से जोड़ने वाला पाइप कभी बाजार से नहीं लेना चाहिए। आयल कंपनियां 170 रुपये से 190 रुपये में पाइप देती हैं। यह पाइप एक बार ठीक से रेग्युलेटर और चूल्हे में लग जाते हैं तो इनके निकलने की आशंका नहीं रहती। यह इतनी मजबूती से जुड़ते हैं कि गैस का रिसाव नहीं होता, लेकिन कई लोग चूल्हा बदलने के चक्कर में बार-बार पाइप निकालकर लगाते हैं। इससे पाइप फैल जाता है, यह भी रिसाव की बड़ी वजह है।
चल रहा अभियान, नहीं दिखा रहे रुचिइंडियन आयल के नोडल अधिकारी कुमार गौरव ने बताया कि सुरक्षा जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसमें आठ मानकों पर निश्शुल्क जांच की जा रही है। उपभोक्ताओं को अपने एजेंसी संचालकों से संपर्क कर सिलेंडर, रेग्युलेटर, पाइप, चूल्हे की जांच करा लेनी चाहिए। पाइप पर 40 रुपये की छूट भी दी जा रही है।
पांच साल से ज्यादा मुआवजासिलेंडर में रिसाव, रेग्युलेटर या पाइप से रिसाव के कारण हुए हादसों की आयल कंपनियां जांच कराती हैं। यदि कंपनी की ओर से लापरवाही की पुष्टि होती है तो मृत्यु पर पांच लाख रुपये से ज्यादा मुआवजा और विस्फोट या आग लगने के कारण घर को हुए नुकसान की भी क्षतिपूर्ति मिलती है।जिले में उपभोक्ताओं की संख्याइंडियन आयल - 5.80 लाखभारत पेट्रोलियम - 2.00 लाखहिंदुस्तान पेट्रोलियम - 3.80 लाख
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