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अस्तित्व में आया महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय, जुलाई से होगा पाठ्यक्रमों का संचालन

महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप मेें जिले का तीसरा विश्वविद्यालय गुरुवार को अस्तित्व में आ गया। राज्यपाल ने प्रदेश में जिन तीन निजी विश्वविद्यालयों के संचालन के अध्यादेश जारी किया गोरखनाथ विश्वविद्यालय उनमें से एक है। अगले सत्र से विश्वविद्यालय का संचालित होना तय हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 23 Apr 2021 07:26 PM (IST)
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महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर। - इंटरनेट मीडिया से साभार
गोरखपुर, जेएनएन। महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप मेें जिले का तीसरा विश्वविद्यालय गुरुवार को अस्तित्व में आ गया। राज्यपाल ने प्रदेश में जिन तीन निजी विश्वविद्यालयों के संचालन के अध्यादेश जारी किया, गोरखनाथ विश्वविद्यालय उनमें से एक है। अध्यादेश जारी होने के बाद अगले सत्र से विश्वविद्यालय का संचालित होना तय हो गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जुलाई से कुछ पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू करने की योजना बनानी शुरू कर दी है। बाकी के तय पाठ्यक्रम भी जल्द से जल्द शुरू कर दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने परिसर से 30 से अधिक रोजगार पाठ्यक्रमों के संचालन की योजना बनाई है।

कैबिनेट की लग चुकी है मुहर

सदर तहसील के सोनबरसा व सिक्टौर गांव में बनकर तैयार हो चुके इस विश्वविद्यालय के लिए खरीदी गई भूमि को विनियमित करने पर पिछले माह कैबिनेट की बैठक में मुहर लग चुकी थी। इससे पहले शासन की एक उच्च स्तरीय समिति ने विश्वविद्यालय परिसर का मौका मुआयना किया था। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति को यह विश्वविद्यालय शासन के मानक पर पूरी तरह खरा मिला था।

करीब 200 एकड़ में अत्याधुनिक संसाधनों के साथ स्थापित होने वाले इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को बाजारोन्मुखी और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का विकल्प तो मिलेगा ही, साथ ही शोधार्थियों को शोध की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। गुरु श्रीगोरक्षनाथ नर्सिंग कालेज नाम से एक कालेज परिसर में पहले से संचालित है। जिले में अध्ययन और रोजगार का एक और विकल्प मिल जाने से युवाओं में खुशी की लहर है।

विश्वविद्यालय में इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन

बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), डीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), बीएससी एलटी, बीए/बीएससी यौगिक साइंस, बीएससी एजी, बीए आनर्स, बीएससी आनर्स (मैथ व बायो), बीएससी कंप्यूटर, बीकाम, बीएड, बीएससी-बीएड, बीए-बीएड, बीपीएड, पैरा मेडिकल का सर्टिफिकेट, बीसीए, बीबीए, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स, शास्त्री आनर्स आदि।

विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने का है संकल्प

विश्वविद्यालय को लेकर अध्यादेश जारी होने से आह्लादित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह का कहना है कि 1932 में परिषद की स्थापना के साथ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने पूर्वांचल की शिक्षा व्यवस्था के जिस माडल का सपना देखा था, वह गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में आज पूरा हो गया है। हालांकि 1956 में दिग्विजयनाथ जी के ही प्रयास से गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना हो गई थी लेकिन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना का स्वप्न अब साकार हुआ है। यह विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनें, इसके लिए हम संकल्पित हैं।

महायोगी गुरु गोरखनाथ निजी विश्वविद्यालय के संचालन लिए राजभवन से अध्यादेश जारी हो गया है। इस विश्वविद्यालय से संचालित होने वाले सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक होंगे। इसके साथ ही युवाओं के लिए रोजगापरक शिक्षा हासिल करने का एक और बेहतर विकल्प मिल गया है। - डा. अश्वनी कुमार मिश्र, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी।

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