Gorakhpur News: आदमखोर है या नहीं, चिड़ियाघर आए बहराइच के भेड़िये की नहीं हुई जांच
गोरखपुर चिड़ियाघर में एक और आदमखोर भेड़िया आ गया है। बहराइच में आतंक मचाने वाले भेड़ियों में से एक को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर मंगलवार की शाम चिड़ियाघर लाया है। उसे क्वारंटाइन सेल में रखा गया है। इससे पहले भी एक नर भेड़िया को रेस्क्यू कर चिड़ियाघर लाया गया था। रेस्क्यू सेल में उसे रखकर भोजन दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बहराइच से 29 अगस्त को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) लाया गया भेड़िया आदमखोर है या नहीं इसकी पहचान नहीं हो सकी है। वन्यजीव चिकित्सक का दावा है कि आदमखोर की पहचान 36 से 48 घंटे के अंदर ही उसके मल से हो सकती थी। लेकिन, भेड़िया जब तक यहां आया तब तक देर हो चुकी थी।
बहराइच में 35 से अधिक गांवाें में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियाें में से एक को वन विभाग की टीम ने 28 अगस्त की रात रेस्क्यू किया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) संजय श्रीवास्तव के निर्देश पर 29 अगस्त को वन विभाग की टीम उस भेड़िया को लेकर गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंची। जहां उसे रेस्क्यू सेल में रखा गया है।
यहां आने के बाद भेड़िया आदमखोर है या नहीं इसकी जांच होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी। चिड़ियाघर के वन्यजीव चिकित्सक योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि भेड़िया आदमखोर है या नहीं इसकी जांच उसके मल और नाखून से होती है। लेकिन जब भेड़िया यहां लाया गया तो उसने तीन से चार दिन पहले किसी पर हमला किया था।
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ऐसे में आमदखोर की पहचान कर पाना मुश्किल था। उच्चाधिकारियों का भी कोई निर्देश नहीं मिला था। रेस्क्यू सेल में उसे रखकर भोजन दिया जा रहा है। इस समय वह स्वस्थ है और उसकी आक्रामकता में कमी भी आई है।
एक और आदमखोर भेड़िया आया चिड़ियाघर
बहराइच में आतंक मचाए भेड़ियों में से एक और भेड़िया को सोमवार की रात पकड़ लिया गया। उसको रेस्क्यू कर मंगलवार की शाम यहां के चिड़ियाघर लाया गया। उसे क्वारंटाइन सेल में रखा गया है। यह दूसरा भेड़िया है, जिसे बहराइच से यहां भेजा गया है।
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बहराइच में भेड़ियों का दहशत है। इनके हमले से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले एक नर भेड़िया को रेसक्यू कर चिड़ियाघर लाया गया था। इस बार मादा भेड़िया को लेकर वन विभाग की टीम यहां पहुंची।
वन्यजीव चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि मादा भेड़िए को क्वारंटाइन सेल में रखा गया है। जंगल में भेड़ियों को कई बार शिकार नहीं मिलता तो वह भूखे रह जाते हैं। कई दिनों तक पेट न भरने की वजह से ही वह आदमखोर बनते हैं।