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Marriage Dates In 2021: इस तिथि से शुरू हो रहा है विवाह का मुहूर्त, जानें- किस माह में कितने दिन बजेगी शहनाई

शुक्र का उदय 19 अप्रैल को होगा। तीन दिन बालत्व दोष के कारण विवाह नहीं हो सकता इसलिए पहली लग्न 22 अप्रैल को मिल रही है। इसके बाद 16 जुलाई तक विवाह के मुहुर्त मिलेंगे। 17 जुलाई को सूर्य की कर्क राशि की संक्रान्ति से विवाह कार्य स्थगित हो जाएंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 02 Apr 2021 08:05 AM (IST)
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विवाह के लिए 22 अप्रैल से शुभ मुहूूूूर्त शुरू हो रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
गोरखपुर, जेएनएन। 14 अप्रैल को सुबह 4.40 बजे खरमास समाप्त होने के बाद वैवाहिक कार्यों के लिए मार्ग खुल जाएगा। लेकिन शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण विवाह के मुहूर्त आठ दिन बाद 22 अप्रैल से प्रारंभ होंगे। इस दिन से बैंड बाजा व उत्सव की धूम मचेगी। नए जोड़े सात फेरे लेंगे और जीवन की नई पारी शुरू करेंगे।

ज्योतिषाचार्य पं. शरदचंद्र मिश्र के अनुसार शुक्र का उदय 19 अप्रैल को होगा। तीन दिन बालत्व दोष के कारण विवाह नहीं हो सकता, इसलिए पहली लग्न 22 अप्रैल को मिल रही है। इसके बाद 16 जुलाई तक विवाह के मुहुर्त मिलेंगे। 17 जुलाई को सूर्य की कर्क राशि की संक्रान्ति से विवाह कार्य स्थगित हो जाएंगे। 20 जुलाई को हरिशयनी एकादशी है। इस दिन से आगामी चार माह तक भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाएंगे। इन चार महीनों में विवाह कार्य नहीं होंगे।

विवाह के मुहूर्त

अप्रैल- 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30।

मई- 1, 2, 3, 7, 8, 9, 12,13, 14, 19, 20, 21, 22, 24, 26, 27, 28, 29, 30।

जून- 5, 11, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 26।

जुलाई- 1, 2, 3, 6, 7, 8,12,15, 16।

वासंतिक नवरात्र 13 से, महाष्टमी व्रत 20 को

नवरात्र व हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 13 अप्रैल से प्रांरभ होगा। इस दिन अमृत नामक औदायिक योग बन रहा है, जो उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसी दिन कलश स्थापना कर मां शक्ति की आराधना शुरू होगी। महानिशा पूजा 19 व महाष्टमी व्रत 20 अप्रैल को है। पं. शरदचंद्र मिश्र, पं. नरेंद्र उपाध्याय व पं. विवेक उपाध्याय के अनुसार 13 अप्रैल को सूर्योदय 5.43 बजे और प्रतिपदा तिथि सुबह 8.47 बजे तक है। इसी दिन कलश स्थापना की जाएगी।

19 अप्रैल को सप्तमी तिथि सायं 6.46 बजे तक है, इसके बाद अष्टमी तिथि लग रही है। अर्धरात्रि में अष्टमी मिलने से इसी दिन महानिशा पूजा की जाएगी। 20 अप्रैल को सायं 7.08 बजे तक अष्टमी है। इसके बाद नवमी लग रही है। नवमी से युक्त अष्टमी पुण्यदायी मानी जाती है, इसलिए महाष्टमी व्रत इसी दिन रहा जाएगा। 21 अप्रैल को महानवमी का व्रत है। इस दिन हवन कर व्रत की पूर्णाहुति की जाएगी।

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