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UP News: गोरखपुर में नकली नोटों के गिरोह का भंडाफोड़, आठ जालसाज गिरफ्तार

कोलकाता के एक व्यापारी से दो करोड़ रुपये की ठगी करने वाले आठ जालसाजों को सहजनवां और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त रूप से गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना अमरजीत चौहान पहले से ही व्यापारी को जानता था और उसने ही पूरी योजना बनाई थी। आरोपितों ने व्यापारी को आठ करोड़ रुपये के नकली नोट देने का लालच देकर दो करोड़ रुपये लिए थे।

By Jitendra Pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 29 Aug 2024 02:54 PM (IST)
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आरोपितों के साथ दो करोड़ की ठगी का अनावरण करते एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर। जागरण

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कोलकाता के व्यापारी से दो करोड़ रुपये की ठगी करने वाले आठ जालसाजों को सहजनवां और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त प्रयास से बुधवार को पकड़ लिया। जालसाजों ने आठ करोड़ की नकली नोट देने का लालच देकर व्यापारी से दो करोड़ रुपये लिए थे।

पकड़े गए आरोपितों की पहचान बांसगांव के रावतपार के अमरजीत चौहान, कथित पत्रकार लोनवा के अनंत राय, पिडिया के अजय मौर्या, बेलदारीपुर के राणाप्रताप पांडेय उर्फ झूलर बेलीपार के चारपान के शिवप्रताप, हरपुर बुदहट के भेउसा के नागेंंद्र कुमार, सिकरीगंज के कास्तदेउर के शैलेंद्र कुमार और गीडा के गाडर गांव के ग्राम प्रधान के बेटे अभिषेक यादव के रूप में हुई है। इस गिरोह का सरगना अमरजीत है।

इसके विरुद्ध पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं। खुद के साथ ठगी होने पर उसने लोगों के साथ ठगी शुरू कर दी थी। उसके गिरोह के फरार आठ और जालसाजों की पुलिस तलाश कर रही है। एसएसपी ने गिरोह को पकड़ने वाली क्राइम ब्रांच टीम को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की।

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पुलिस कार्यालय में घटना का पर्दाफाश करते हुए एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि 12 जुलाई को सहजनवां के गोविंदपुर गांव के चंद्रिका निषाद ने थाने में केस दर्ज कराया था। उसने बताया था कि वह वर्ष 2002 से कोलकाता में रहता है और ठीके पर भवन बनाने के साथ डिजाइनिंग का काम करता है।

इसके बाद एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सीओ गीडा व थाने की पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि अमरजीत पहले से चंद्रिका से परिचित था और उसे मालूम था कि उसके पास करोड़ों रुपये है। व्यापारी से रुपये ऐंठने के लिए अमरजीत ने योजना बनाकर पांच साथियों के साथ मिलने कोलकाता पहुंचा।

वहां व्यापारी चंद्रिका से मिलकर अमरजीत ने बताया कि वह नकली नोट का धंधा करता है। लालच दिया कि अगर वह दो करोड़ रुपये देगा तो उसे आठ करोड़ रुपये के नकली नोट देंगे।

झांसे में आने के बाद अमरजीत ने दो बार में असली पांच लाख रुपये उसे दिए और बताया कि ऐह नकली नोट है। इसे बाजार में चलाकर चेक कर सकते हैं। व्यापारी ने पहली बार बाजार में तो दूसरी बार बैंक में नोट चलाई तो कोई परेशानी नहीं हुई। इसके बाद व्यापारी को विश्वास हो गया और उसने 50 लाख रुपये दिए और 1.50 करोड़ रुपये बाद में देने के लिए कहा।

इन रुपयों से जालसाजों ने एक स्कार्पियो कार खरीदी और बाकी रकम आपस में बांट ली। व्यापारी ने 50 लाख के बदले नकली करेंसी मांगी तो अमरजीत ने कहा कि 1.50 करोड़ देंगे तो तत्काल आठ करोड़ के नकली नोट मिल जाएंगे। इसके बाद स्थान चिह्नित कर व्यापारी को रुपये लेकर सहजनवां बुलाया।

कथित पत्रकार व पीआरडी जवानों के साथ तैयार की नकली पुलिस

व्यापारी से समय मिलने के बाद सरगना अमरजीत ने अपने गिरोह के सदस्य कथित पत्रकार अनंत राय के सहारे तीन पीआरडी जवानों को लालच देकर मिलाया और नकली पुलिस की टीम तैयार की। इन चारों को बताया गया कि व्यापारी से रुपये लेने के बाद कुछ लोग पुलिस आ गई कहकर भागने का नाटक करेंगे।

इसी बीच उन्हें पुलिस की वर्दी में पहुंच जाना है। हुआ भी ऐसा ही। 10 जुलाई को व्यापारी सहजनवां क्षेत्र में रुपये लेकर आया। अमरजीत ने व्यापारी से 1.40 करोड़ रुपये लेकर आठ करोड़ रुपये से भरा बैग बताकर सौंप दिया। तभी नकली पुलिस ने आकर बैग को कब्जे में ले लिया और अपने ही बीच के एक साथी को पकड़ लिया। उधर, नकली पुलिस को आता देख व्यापारी भाग गया।

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नकली नोट की जगह थमाया था 2200 रुपये के बिस्किट

अमरजीत ने व्यापारी को जब असली नोट के साथ सहजनवां में बुलाया था तो उसने नकली नोट की जगह बैग में बिस्किट भर रखे थे। पूछताछ में उसने बताया कि नकली नोट उसके पास नहीं थे। ऐसे में व्यापारी को भरा बैग देने के लिए उसने 2200 रुपये के बिस्किट खरीदे। इसके बाद उसको नोट की तरह पैक किया और फिर बैग में भरा था। उसे मालूम था कि लेन-देन के समय नकली पुलिस दोनों बैग जब्त कर लेगी। इसलिए उसने यह योजना बनाई।

बीटाडीन से धुलकर चमकाते थे असली नोट

व्यापारी को झांसे में लेने के लिए जालसाजों ने असली नोट को बीटाडीन से धुलकर चमका देते थे। जिसके बाद नोटों को देखने में लगता था कि सभी नोट तत्काल छापकर निकाले गए हैं। व्यापारी भी नोटों को देखने के बाद भ्रमित हो गया था।

व्यापारी ने जमीन के नाम पर दो करोड़ ठगी की दी थी सूचना

नकली पुलिस को देखने के बाद व्यापारी पूरी तरह से डर गया था। दो तीन बार जालसाजों से रुपये को लेकर बात की तो उसे बताया गया कि दोनों बैग पुलिस के कब्जे में है। वह भी कुछ नहीं कर सकते। लेकिन, व्यापारी चंद्रिका पासवान डरते-डरते सहजनवां थाने में नामजद तहरीर दे दी। बताया कि उसे जमीन दिलाने के नाम पर आरोपितों ने दो करोड़ रुपये हड़प लिए। केस दर्ज करने के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो हकीकत कुछ और निकली।

ठगी का शिकार हुआ तो करने लगा जालसाजी

एसएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना अमरजीत पर नकली नोट से जालसाजी के आरोप में वर्ष 2023 में बांसगांव में केस दर्ज हुआ था। अमरजीत के साथ भी इसी तरह से पहले जालसाजी हुई थी। इसके बाद वह जालसाजी करने का तरीका सीखा और धंधा करने लगा। इसके पहले उसने छोटी-छोटी जालसाजी की घटनाओं को अंजाम दिया था। गिरफ्तार आरोपितों के पास से 28 लाख 77 हजार 800 रुपये और एक स्कार्पियो बरामद हुई है।

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