गोरखपुर में विस्तारित क्षेत्र का अब बनेगा मास्टर प्लान, विनियमित क्षेत्र के पास होंगे नक्शे
जंगल सिकरी उर्फ खोराबार में खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी में अर्जित भूमि में सघन रूप से निर्मित मकानों एवं बस्तियों को फेज 2 में चिन्हित कर परियोजना से अलग किया गया है। अर्जित भूमि में बने मकानों के भवन स्वामियों की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मालिकाना हक दिए जाने की शुरू से ही मांग की जा रही है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। लंबे समय बाद गुरुवार को कमिश्नर अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में हुई गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की 126वीं बोर्ड बैठक में आमजनमानस के हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। प्राधिकरण के विस्तारित क्षेत्र में मास्टर प्लान बनाने को मंजूरी मिलने से शहर के बाहरी क्षेत्रों समेत तीन नगर पंचायतों व उसके आस-पास के इलाकों का भी लैंड यूज तय किए जाने का कार्य अब गति पकड़ सकेगा।
इस बीच में यदि इन क्षेत्रों से कोई मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए आवेदन करता है तो प्राधिकरण सर्वे कराकर मानचित्र स्वीकृत करेगा। लेकिन, यह सुविधा उन्हें ही मिलेगी जिनका निर्माण बाजार, सड़क आदि प्रमुख स्थानों के किनारे प्रस्तावित होगा।इसी तरह ढाई दशक से अधिक समय से लटके विनियमितिकरण क्षेत्र की 50 हजार से अधिक की आबादी को अब पूरी तरह से राहत मिल गई। विनियमित क्षेत्र को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट को जीडीए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन के मुताबिक अब इस क्षेत्र में भी निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृत कराया जा सकता है।
चार साल पहले हुए जीडीए के सीमा विस्तार में चौरीचौरा, कैंपियरगंज, सहजनवां और वाराणसी रोड के 233 राजस्व गांव और तीन नगर पंचायतें शामिल की गईं थी। इन नगर पंचायतों में पीपीगंज, मुंडेराबाजार और पिपराइच शामिल है।इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान नहीं तैयार हो पाने की वजह से मार्च में लागू हुई प्राधिकरण की नई महायोजना 2031 में विस्तारित क्षेत्र का भू-उपयोग नहीं निर्धारित किया जा सका।
इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में आज कटेगी बिजली, कहीं आपका मोहल्ला तो नहीं है शामिल, जल्दी से निपटा लें इससे जुड़े कामइन्हें छोड़कर बाकी क्षेत्र जो पहले से जीडीए की सीमा में थे, उनका मास्टर प्लान साल 2017 में ही तैयार कर लिया गया था। ऐसे में महायोजना 2031 में इन्हें भाग ‘क’ के रूप में शामिल कर उनका भू उपयोग भी निर्धारित किया गया। नए विस्तारित क्षेत्र को महायोजना में भाग ख में दर्ज कर दिया गया। इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान नहीं होने से भू-उपयोग निर्धारित नहीं है, जिसकी वजह से मानचित्र नहीं पास हो पा रहे हैं।
अब बोर्ड बैठक में विस्तारित क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो जाने से कंसल्टेंट फर्म चुनी जाएगी। यह फर्म भाग क में शामिल क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए भाग ख का मास्टर प्लान तैयार करेगी।इसी तरह शासन की ओर से सात मार्च 2024 को लागू की गई नई महायोजना 2031 में शहर के बड़े क्षेत्र करीब 2500 एकड़ क्षेत्रफल को विनियमित करने का अधिकार शासन ने जीडीए बोर्ड को दे दिया था। बोर्ड ने इसके लिए एक कमेटी गठित की थी।
इस कमेटी की रिपोर्ट पर सहमति जताते हुए प्राधिकरण बोर्ड ने विनियमिति क्षेत्र के मानचित्र स्वीकृति को मंजूरी दे दी। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन का कहना है कि अब विनियमितिकरण क्षेत्र के मानचित्र के आवदेन भी स्वीकृत किए जा सकेंगे।इसे भी पढ़ें-आगरा में उमस ने छुड़ाया पसीना, कानपुर में राहत बनकर आई बारिश, आज बदला रहेगा यूपी का मौसम
आठ हजार से अधिक अवैध निर्माण है चिन्हित, मिलेगी राहतशहर में ढाई हजार एकड़ क्षेत्रफल ऐसा है, जिसे अभी विनियमित नहीं किया जा सका था। इन क्षेत्रों को लेकर जब भी कोई मानचित्र का आवेदन आता तो ‘विनियमितीकरण की प्रत्याशा’ में नोट लगाकर उसे वापस कर दिया जाता था।यहीं नहीं इन क्षेत्रों में हुए निर्माण को अवैध बताते हुए जीडीए की ओर से करीब आठ हजार लोगों को नोटिस भी जारी हो चुका है। कई में ध्वस्तीकरण का आदेश भी पारित है, लेकिन अब ये कार्रवाई भी समाप्त हो जाएगी। इससे संबंधित क्षेत्र के लोगों को तो राहत मिलेगी ही प्राधिकरण के सिर से भी लंबे समय से अवैध निर्माण में शीर्ष पांच में बने रहने का दाग धूलेगा।
रामगढ़ताल किनारे गोरखपुर आई के निर्माण को मंजूरीबैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपेक्षानुसार रामगढ़ताल में नई जेट्टी के निर्माण एवं लंदन आई की तर्ज पर रामगढ़ताल के किनारे ‘गोरखपुर आई’ निर्माण को भी स्वीकृति दी गई। लंदन आई की तर्ज पर प्रस्तावित गोरखपुर आई, रामगढ़ताल क्षेत्र में एक स्थायी निवेश होगा। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन के मुताबिक 15 किलोमीटर की परिधि से यह झूला नजर आएगा और इसपर बैठकर पूरे शहर की छटा देखी जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि कंसल्टेंट चयन के लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी की जा चुकी है। दो अगस्त को आखिरी बिड खुलेगी। लंदन आई, लंदन में टेम्स नदी के साउथ बैंक पर स्थित 135 मीटर ऊंचा कैंटिलीवर आब्जर्वेशन व्हील है। जिसे लंदन आई के नाम से जाना जाता है। उसी के तर्ज पर गोरखपुर आई बनाने की योजना है। इसकी ऊंचाई करीब 151 मीटर रखने की तैयारी है।रिंग रोड में देरी पर कमिश्नर ने फटकारा, एक्सईएन, एई को प्रतिकूल प्रविष्टि
बोर्ड बैठक शुरू होते ही कमिश्नर अनिल ढींगरा ने सबसे पहले रामगढ़ताल किनारे रिंग रोड में देरी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कहा कि रामगढ़ताल के किनारे पैडलेगंज से स्मार्ट व्हील तक और स्मार्ट व्हील से सहारा इस्टेट तक ताल रिंग रोड एवं ताल फ्रण्ट विकसित करने का काम दिसंबर 2023 में ही पूरा हो जाना चाहिए था, जो अभी शुरू भी नहीं हो सका।कमिश्नर ने निर्देश दिए कि इस कार्य के लिए अधिकृत अवर अभियंता को तत्काल निलंबित किया जाए और संबंधित एक्सईएन व एई को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए। इसी कड़ी में भाटी विहार में बनाए जा रहे मिनी स्टेडियम के निर्माण की प्रगति भी धीमी मिलने पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए परियोजना से जुड़े संबंधित एक्सईएन को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के निर्देश दिए।
खोराबार टाउनशिप: मालिकाना हक के लिए कमेटी गठितप्राधिकरण ने अर्जित भूमि पर बने मकान क्षेत्र में भवन स्वामी के पक्ष में विनियमितिकरण किए जाने के संबंध में नौ सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी भूमि की लागत, विकास कार्यों की लागत, अनुरक्षण व्यय, सेन्टेज चार्ज, ओवर हेड चार्ज आदि कारकों पर विचार करते हुए प्रक्रिया एवं कास्टिंग निर्धारण करेगी।इस अंतर विभागीय विशेषज्ञ समिति में बोर्ड के निर्णय पर अपर आयुक्त गोरखपुर मण्डल की अध्यक्षता में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर नगर आयुक्त, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी गीडा, प्रभारी मुख्य अभियंता जीडीए, अधिशासी अभियंता जीडीए, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता नगर निगम और सहायक अभियंता जीडीए को शामिल किया गया है। कमेटी को तीन महीने में जीडीए उपाध्यक्ष रिपोर्ट देना होगा।कुश्मी एवेन्यू व हरसेवकपुर ग्रुप हाउसिंग को मंजूरीबैठक में फर्टिलाइजर के निकट अधिग्रहित भूमि पर,‘राप्तीनगर विस्तार टाउनशिप एवं स्पोर्ट्स सिटी योजना’ का बोर्ड से अनुमोदन हासिल किया गया। इसके अलावा लच्छीपुर में प्राधिकरण की 4.72 एकड़ खाली पड़ी भूमि पर कुश्मी एवेन्यू (ग्रुप हाउसिंग अपार्टमेन्ट) योजना लांच करने को भी अनुमोदन मिल गया। इसके साथ ही हरसेवकपुर नंम्बर एक में 3.30 एकड़ पर ग्रुप हाउसिंग बनाए जाने की बोर्ड से स्वीकृति मिली है।जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इन दोनों परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण कर चुके हैं। बैठक में कन्वेंशन सेंटर के निर्माण को भी स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना अंर्तगत नया गोरखपुर के अधिग्रहण एवं सहमति के आधार पर भूमि क्रय किए जाने के लिए कमिश्नर की ओर से सर्कल मूल्य का चार गुना अनुमोदित दर को भी मंजूरी मिल गई।इसके अलावा देवरिया बाइपास रोड पर पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने बुद्ध विहार कामर्शियल योजना में रिक्त भूमि पर स्मार्ट पार्किंग, कामर्शियल कांप्लेक्स एवं पार्क को विकसित करने एवं संचालन के लिए आरएफपी के माध्यम से फर्म चयन को भी बोर्ड ने सहमति दे दी। वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक के बैलेंस शीट का अनुमोदन करने के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के परिचालन पद्धति से स्वीकृत प्रस्ताव भी मंजूर कर दिए गए हैं।बैठक में ये भी रहे उपस्थितडीएम कृष्णा करूणेश, उपाध्यक्ष जीडीए आनंद वर्द्धन, डीएफओ विकास यादव, सचिव यूपी सिंह, नगर नियोजक हितेश कुमार, अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव, अधीक्षण अभियंता जल निगम (नगरीय) रतन सेन सिंह, अधीक्षण अभियन्ता (विद्युत) लोकेंद्र बहादुर सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह, अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार, सहायक अभियंता एके तायल, संपत्ति अधिकारी इंद्रजीत सिंह आदि।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।